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नेशनल

तेजस्वी ने बिना अनुमति शुरू करवाया था मॉल का निर्माण : सुशील मोदी

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पटना, 19 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके पुत्र पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर निशाना साधा है। मोदी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने पटना में बन रहे बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण बिना अनुमति के शुरू करवाया था। मोदी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, लालू प्रसाद के रेलमंत्री रहते रेलवे के दो होटल को देने के एवज में तेजस्वी के तीन एकड़ जमीन पर बन रहे 750 करोड़ रुपये की लागत से 15 मंजिले बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण बिना अनुमाति और बिना नक्शा पास कराए शुरू करवाया गया था।

मोदी ने कहा कि बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के नियम 313 में स्पष्ट प्रावधान है कि भवन की योजना स्वीकृत होने पर ही कोई व्यक्ति निर्माण करेगा।

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर तीन एकड़ भूखंड पर 7 लाख 66 हजार वर्ग फुट का एक हजार ऑफिस स्पेस के साथ फाइव स्टार होटल कम शपिंग मल का एग्रीमेंट सुरसंड के विधायक अबुल दोजाना की कंपनी के साथ किया गया।

उन्होंने कहा कि बन रहे मॉल की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान में देने के खुलासे के बाद आनन-फानन में आधे-अधूरे कागजात के साथ 15 अप्रैल को दानापुर नगर परिषद में नक्शा की स्वीकृति के लिए आवेदन दिया गया।

उन्होंने बताया कि एक महीने से ज्यादा समय के बाद 24 मई, 2017 को दानापुर नगर परिषद ने नक्शे के त्रुटि निराकरण के लिए तेजस्वी के वास्तुविद को नोटिस किया था। चार महीने गुजर जाने के बाद अब तक त्रुटि का निराकरण नहीं किया गया और न ही नोटिस का जवाब दिया गया है।

मोदी ने दावा करते हुए कहा कि मॉल में बेसमेट नहीं हैं, जबकि जमीन के मालगुजारी की रसीद अद्यतन नहीं है और ना ही अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र है।

उल्लेखनीय है कि मोदी पिछले तीन महीने से लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति को लेकर निशाना साध रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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