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मप्र में पेट्रोल-डीजल के महंगे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाए सवाल
भोपाल, 19 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम कई अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा है, इसकी वजह यहां लगने वाले वैट और अतिरिक्त कर मूल वजह है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक बाबूलाल गौर ने राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया को खत लिखकर चिंता जताई है। गौर ने मंगलवार को वित्तमंत्री मलैया को खत लिखा है, जिसमें पिछले कुछ दिनों में आई मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में डीजल पर 27 प्रतिशत और पेट्रोल पर 31 प्रतिशत वैट लगता है, इसके अलावा डीजल पर डेढ़ रुपये व पेटोल पर चार रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर के तौर पर लिया जा रहा है।
उन्होंने लिखा है कि पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी से बाहर रखा गया है। इतना ही नहीं, इन दोनों पदार्थो पर पूर्व की तरह वैट लागू रखा गया है। जीएसटी की दरें पूरे देश में एक समान है, मगर वैट का अधिकार राज्यों को है। मध्यप्रदेश के मुकाबले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात व छत्तीसगढ़ में वैट की दरें कम हैं।
गौर ने आगे लिखा है कि राज्य में वैट की दर ज्यादा होने की वजह से अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल-डीजल महंगा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि दूसरे राज्यों की सीमा से लगे पेट्रोल पंपों की बिक्री 60 फीसदी तक कम हो गई है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डीजल के दाम उत्तर प्रदेश में सात रुपये, महाराष्ट्र में चार रुपये, राजस्थान में ढाई रुपये प्रति लीटर तक मध्यप्रदेश की तुलना में कम है। इससे पंप संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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