नेशनल
राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मलेन में रोजगार अवसर उत्पन्न करने पर चर्चा
नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मलेन में देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में गुणवत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए विशेषज्ञों ने जनसांख्यिकी विविधता कैसे ताकत बन सकती है और पिछले कुछ वर्षो में शुरू की गई योजनाओं से रोजगार के अवसर कैसे उत्पन्न किए जा सकते हैं इन मुद्दों पर चर्चा की। इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में क्वालिटी का उपयोग’ रखी गयी है। यह आयोजन देश में क्वालिटी से संचालित बाजार तैयार करने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता परिषद की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ’12वीं नेशनल क्वालिटी कॉन्क्लेव 2017′ के पहले दिन नेशनल बोर्ड फॉर क्वालिटी प्रमोशन ने मेजबानी की। पहले दिन गुरुवार को उद्योग जगत से बड़ी संख्या में जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया।
दो दिन चलने वाले इस सम्मेलन के पहले दिन केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और डीआईपीपी के सचिव रमेश अभिषेक प्रमुख रूप से शामिल हुए।
सम्मलेन में कई नए विचारों पर चर्चा हुई और विकास में क्वालिटी के महत्व पर जोर दिया गया। इस दौरान प्रोग्रेसिव इंडिया-सस्टेनबल पब्लिक सोशल इनिशिएटिव्ज, ग्लोबल पेटेंट सेफ्टी चैलेंज-मेडिकेशन विदाउट हार्म, इम्प्रूविंग क्वालिटी हेल्थकेयर डिलीवर्ड टू मासेज, हॉस्पिटल्स एंड मेडिसन्स, इमर्जिग स्टैंडर्डस ऑन एजुकेशन-टेक्निकल/वोकेशनल, हाइअर एजुकेशन एंड स्कूल्स विषयों पर चर्चा की गई और आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए उत्कृष्टता पर जोर दिया गया।
इस मौके पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ. रवि पी. सिंह ने कहा, 12वीं नेशनल कॉन्क्लेव देश के लिए प्रगति का रास्ता खोलेगी और देश को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी विकसित बनाने में भूमिका निभाएगी।
सिंह ने कहा, हमने कॉन्क्लेव में इस बात पर चर्चा की है कि हमारी जनसांख्यिकी विविधता कैसे हमारी ताकत बन सकती है और पिछले कुछ वर्षो में शुरू की गई योजनाओं से रोजगार के अवसर कैसे उत्पन्न किए जाएं। क्यूसीआई देश के हर नागरिक के जीवन को छूना चाहती है और जीवन के हर क्षेत्र और आर्थिक विकास के हर सेक्टर में क्वालिटी को अनिवार्य बना देना चाहती है।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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