नेशनल
बिहार में बरौनी खाद कारखाने का पुनरुद्धार शुरू
पटना, 22 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के बरौनी स्थित उर्वरक कारखाने के पुनरुद्धार का कार्य शुरू हो गया है। कई वर्षो से बंद पड़े इस कारखाने को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद फिर से चालू करने की कवायद तेज हो गई है। पुनरुद्धार कार्य में साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) अरुण गुप्ता ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर खाद कारखाने के पुनरुद्धार कार्य की प्रगति की जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने परियोजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मोदी ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, झारखंड के सिंदरी के साथ बरौनी खाद कारखाने के पुनरुद्धार का निर्णय लिया था।
उन्होंने बताया कि यहां से वर्ष 2020 तक नीम कोटेड यूरिया का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। यह कारखाना प्राकृतिक गैस आधारित होगा तथा 12.70 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष यूरिया उत्पादन की इसकी क्षमता होगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने रिकार्ड समय में पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी है। पूर्व परियोजना कार्य पूरे हो चुके हैं। अगले महीने से भूमि विकास का काम शुरू हो जाएगा। हिंदुस्तान उर्वरक ने बरौनी में अपना कार्यालय स्थापित कर परियोजना प्रबंधक की नियुक्ति कर दिया है।
बरौनी खाद कारखाने के पुनरुद्धार से जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे, वहीं बिहार के विकास को नई गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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