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पंजाब में मंत्री पद के दावेदारों का लंबा होता इंतजार

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चंडीगढ़, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| दशक भर लंबे राजनीतिक अंतराल पर सत्ता में लौटने के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायकों के मंत्रिमंडल में स्थान पाने का इंतजार अब लंबा हो चुका है।

गुरदासपुर सीट के लिए लोकसभा उपचुनाव अगले महीने त्योहार के मौसम बाद होने हैं। कांग्रेस के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर सिंह सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक-दो महीने की देरी हो सकती है।

कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह की अगुवाई में मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में 117 सीटों वाली विधानसभा में 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। अमरिंदर ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद अपने मंत्रिमंडल में नौ मंत्रियों को शामिल किया था। कैबिनेट में दो महिलाएं -रजिया सुलताना व अरुणा चौधरी- भी मंत्री हैं।

मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम सीमा 18 हो सकती है। ऐसे में आठ और मंत्री शामिल हो सकते हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री आगामी विस्तार में पांच या छह मंत्रियों को शामिल कर सकते हैं और दो-तीन स्थान खाली छोड़ सकते हैं।

गुरदासपुर संसदीय सीट के उपचुनाव के नतीजे से भी मंत्रियों के चयन पर प्रभाव पड़ सकता है। इस सीट पर कांग्रेस भाजपा को हराने का पूरा प्रयास करेगी। यह लोकसभा सीट भाजपा सांसद विनोद खन्ना के निधन से खाली हुई है।

मंत्री बनने के प्रबल दावेदारों में एक वरिष्ठ विधायक ने आईएएनएस से कहा, यह पहले कहा जा रहा था कि कैबिनेट का विस्तान जून के बजट सत्र से पहले किया जाएगा। लेकिन इसमें देरी हो गई। अब इसमें गुरदासपुर के उपचुनाव के कारण देरी हो रही है। हमारा इंतजार लंबा होता जा रहा है।

कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि बचे हुए आठ मंत्री पदों के लिए 18 से 20 प्रबल दावेदार हैं। मुख्यमंत्री को अंतिम तौर पर अपने मंत्रियों का चुनाव करने को कहा गया है। इससे पहले नई दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंत्रियों के चयन के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

मंत्री बनने वाले दावेदारों में वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश सोनी, राज कुमार वेरका, गुरमीत सिंह (राणा) सोढी, राकेश पांडेय, रणदीप नाभा और बलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं।

इसके अलावा कैबिनेट मंत्री व क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह के लिए जोर लगा रहे हैं। परगट सिंह व सिद्धू कांग्रेस में फरवरी में विधानसभा चुनाव से पहले शामिल हुए थे। सिद्धू व परगट सिंह को अमरिंदर खेमे का हिस्सा नहीं माना जाता है।

मंत्री पद के दूसरे दावेदारों में अमरिंदर सिंह राजा (भारतीय युवक कांग्रेस अध्यक्ष), विजय इंदर सिंगला (पूर्व आईवाईसी अध्यक्ष) व कुलजीत नागरा शामिल हैं। इन तीनों को कांग्रेस हाईकमान का समर्थन है। इसमें सिंगला को अमरिंदर सिंह का वफादार माना जाता है।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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