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गुजरात : पाटीदारों को लुभाने उच्च जाति आयोग का गठन
गांधीनगर, 27 सितम्बर (आईएएनएस)| गुजरात सरकार ने बुधवार को ऊंची जातियों के शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए एक आयोग गठित करने की घोषणा की है। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब एक दिन पहले ही उसने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहे पाटीदारों के साथ बातचीत की थी।
सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की तर्ज पर एक और आयोग की भी घोषणा की, जहां यदि कोई जाति एक अनुकूल दर्जा चाहता है तो ऊंची जातियां आयोग में याचिका दायर कर सकती हैं।
यह घोषणा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद की।
इस निर्णय पर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति(पीएएएस) के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि समुदाय की मुख्य मांग जारी रहेगी, लेकिन यह एक अच्छी पहल है।
हार्दिक पटेल के निकट सहयोगी दिनेश भमभानिया ने आईएएनएस को बताया, हम ऊंची जाति के विकास के लिए बने आयोग का स्वागत करते हैं, लेकिन हमारी मुख्य मांग के अलावा अन्य मांग पाटीदारों के लिए आयोग की स्थापना दोनों पूरे नहीं हुए हैं।
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में पाटीदार आंदोलन के समय हुई हिंसा की जांच कराने के लिए एक आयोग गठित करने की घोषणा की है। इस हिंसा में 14 लोग मारे गए थे।
उपमुख्यमंत्री पटेल ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने राज्य गृह विभाग को पाटीदार आंदोलन हिंसा के समय पटेल युवाओं पर दर्ज मामले वापस लेने के लिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
हार्दिक पटेल पर देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने समेत यह पाटीदारों की मुख्य मांगे थीं, लेकिन सरकार ने इसके लिए कोई स्पष्ट वादा नहीं किया।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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