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नेशनल

मुंबई भगदड़ के मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा

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मुंबई, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| मुंबई में परेल-एल्फिंस्टन स्टेशनों को जोड़ने वाले एक संकरे रेलवे फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में 22 यात्रियों की मौत हो गई है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) आपदा नियंत्रण ने कहा कि इस घटना में कम से कम 32 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।

बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में 18 पुरुष व चार महिलाएं शामिल हैं। जबकि 23 पुरुष व नौ महिलाएं घायल हैं, जिनका इलाज जारी है।

घायलों को परेल के कीईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड एक अधिकारी ने दुर्घटना की जांच की घोषणा की है।

घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट की अफवाह के बाद यह भगदड़ हुई।

अधिकारियों ने हालांकि अचानक बारिश होने से पुल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ को जिम्मेदार ठहराया है।

बारिश से बचने के लिए अधिक संख्या में लोग पुल पर इकट्ठा हो गए थे।

घटना के बाद बचाव दल के मौके पर पहुंचने से पहले स्थानीय कैब चालकों और दुकानदारों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है।

महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने कहा, हमने इस त्रासदी की जांच के आदेश दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई है।

यह त्रासदी रेल मंत्री पीयूष गोयल के शुक्रवार को मुंबई पहुंचने से ठीक पहले हुई। गोयल यहां पश्चिम रेलवे, मध्य रेलवे और हार्बर रेल लाइन के लिए कई नई उपनगर रेल सेवाओं की शुरुआत करने वाले थे।

इस दुर्घटना के बाद गोयल ने उद्घाटन कार्यक्रम रद्द कर दिए।

वहीं, शिवसेना ने इस घटना पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में गोयल से इस्तीफे की मांग की है और साथ ही सभी पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा और मुंबई के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा है।

घटनास्थल पर पहुंचे मुंबई के महापौर विश्वनाथ महादेश्वर ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पश्चिम रेलवे के अधिकारियों की है।

दशहरा से एक दिन पहले हुए इस हादसे के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया जता रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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