Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

बच्चे को अजब बीमारी, होगा शोध को समर्पि

Published

on

Loading

अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), 2 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। भले ही साइंस ने कितनी ही तरक्की कर ली हो, लेकिन शहर में एक ऐसा बालक है, जो पिछले छह साल से एक लाइलाज बीमारी से ग्रसित है। बड़ी बात यह है कि, अब तक कोई डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर सका है या यह कहें कि, उसकी बीमारी का नाम तक चिकित्सक नहीं बता पाए हैं। मजबूर परिजन अब अपने बच्चे को प्रयोगों के लिए समर्पित करने को भी तैयार हैं, ताकि आने वाले समय में कोई और माता-पिता अपने ऐसे बच्चों का उपचार करा सकें।

नगर के पुराना बस स्टैंड स्थित गीता मोबाइल शॉप के संचालक नितिन गर्ग ने बताया कि उनका बेटा श्रवण गर्ग अब छह वर्ष का हो चुका है। श्रवण का जब जन्म हुआ, तब से लेकर अब तक वे श्रवण के इलाज के लिए दर्जनों बड़े से बड़े डॉक्टरों के पास गए, मगर किसी भी डॉक्टर ने न तो बीमारी का नाम बताया और न ही कोई दवा दी।

श्रवण के दोनों पैर उसके शरीर से भी भारी हैं। इस कारण वह चल-फिर नहीं सकता। एक माता-पिता के सामने मेडिकल साइंस की विफलता के बाद किस प्रकार की मनोस्थिति होगी, यह तो वे ही समझ सकते हैं। व्यवसायी नितिन गर्ग की दो बेटी व एक छोटा बेटा श्रवण है।

नितिन गर्ग का कहना है कि जब श्रवण की मां पायल की प्रसव के दौरान सोनोग्राफी हुई थी, उसी समय सोनोग्राफी में स्पष्ट रूप से बच्चे के हालात साफ दिखाई दे रहे थे। बावजूद इसके चिकित्सक ने अनदेखी की।

नितिन गर्ग का आरोप है कि अगर चिकित्सक उस वक्त सोनोग्राफी सही तरीके से देखकर बताते, तो शायद उस वक्त परिजन कुछ और निर्णय ले सकते थे।

बेटे के इलाज के लिए परिजन बिलासपुर, दिल्ली, इंदौर, बैलूर व कोयम्बटूर तक जा चुके हैं, लेकिन एक भी डॉक्टर ने बीमारी का नाम नहीं बताया और न ही कोई दवा ही दी। अपनी लाइलाज बीमारी को लेकर छह वर्षीय श्रवण ने आज तक उस बीमारी की कोई भी दवा नहीं ली है।

श्रवण अपने उम्र के बच्चों की तरह मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ है। हालांकि वह अभी तक स्कूल नहीं जा सका है, परंतु पढ़ाई-लिखाई में वह पूरी तरह से माहिर है।

कमी बस यह है कि वह अपने भारी पैरों के चलते चल-फिर नहीं सकता। चिकित्सकों का यह कहना है कि अब श्रवण की सिर्फ सेवा कीजिए। इस सलाह के अनुसार परिजन उसकी सेवा में लगे रहते हैं।

परिजनों को यह भी डर है कि आने वाले दिनों में जब श्रवण और बड़ा होगा और अपनी लाइलाज बीमारी के बारे में समझ पाएगा तो उसकी मनोस्थिति क्या होगी, यह सोचकर परिजन परेशान हैं।

Continue Reading

नेशनल

मुंबई पुलिस ने पकड़े 2.3 करोड़ रुपये, 12 लोग गिरफ्तार

Published

on

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने दक्षिण मुंबई के कालबादेवी में 12 लोगों के पास से 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण EC के निर्देश पर गठित निगरानी टीम नकदी, शराब और अन्य संभावित प्रलोभनों जैसी वस्तुओं को लेकर भी सतर्क हैं. पुलिस की मानें तो आज शुक्रवार की सुबह तक की गई कागजी कार्रवाई और पूछताछ के बाद 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जो नकदी ले जा रहे बारह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जो बाद में आयकर विभाग को जांच के लिए सौंप दिया गया.

12 लोग गिरफ्तार

तलाशी के दौरान नकदी लेकर जा रहे ये लोग न तो नकदी से संबंधित कोई डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर सके और न ही वे इतनी बड़ी रकम ले जाने का कारण बता पाए। बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गठित निगरानी टीम नकदी, शराब और अन्य संभावित प्रलोभनों जैसी वस्तुओं को लेकर अलर्ट है। शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में सुबह तक कागजी कार्रवाई की गई। पूछताछ के बाद पैसे को जब्त कर लिया गया। वहीं नकदीं ले जा रहे 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बाद में जांच के लिए नकदी को आयकर विभाग को सौंप दिया गया है।

Continue Reading

Trending