Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

नागिन ने लिया नाग की हत्या का ऐसा इंतकाम, जिसने सुना दहल गया

Published

on

Loading

कानपुर। यूं तो नाग नागिन के इंतकाम के किस्से बॉलीवुड फिल्मों और कहानियों में ही देखने को मिलती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में यह घटना रियल लाइफ में हुई है। नगर के चौबेपुर के किशुनपुर गांव में बुधवार को जिस घर में निकले नाग को मारा गया था उसी घर में दूसरे दिन नागिन ने महिला को डस लिया। महिला की मौत हो गई। इसके बाद नागिन ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि गुरुवार को गांव में रहने वाले सुरेश यादव के घर में अचानक एक काला नाग निकला था। जिसे देखकर घर में हडक़ंप मच गया। नाग को देखने के बाद सुरेश ने उसे लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद उसे जला दिया। नाग को मारने की घटना को परिजन आम मान रहे थे।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह नागिन बदला लेने उसी जगह पहुंच गई जहां नाग को मारा गया था। वहां सुरेश की पत्नी उमा देवी आंगन में सफाई कर रही थीं। तभी नागिन ने उन्हें डस लिया। उमा देवी के शोर मचाने पर घरवाले उसे झाड़-फूंक के लिए बाबा के पास लेकर पहुंचे लेकिन उमा देवी की हालत बिगड़ती चली गई। उसके बाद उन्हें कानपुर के हैलट हस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

बाद में सपेरे को बुलाकर घरवालों ने घर के कमरे से नागिन को पकड़वाया। सपेरे द्वारा नागिन के पकडऩे के बाद वह भी कुछ देर अपने आप ही मर गई। परिजनों ने नाग का बदला नागिन द्वारा लिए जाने और उसकी मौत को देखते हुए विधि विधान से पूजा कराने के बाद उसे गंगा किनारे दफन कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार किया।

Continue Reading

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

Published

on

Loading

चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

Continue Reading

Trending