नेशनल
अपने जन्मस्थान पहुंचे पीएम मोदी, बचपन की यादें ताजा की
वडनगर। पीएम मोदी गुजरात दौरे के दूसरे दिन अपने जन्मस्थान वडनगर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सभी लोगों का अभिवादन किया, पीएम मोदी इस यात्रा में अपने जन्मस्थान को कई सौगात भी देंगे।
वडनगर वासियों के लिए आज यानी 08 अक्टूबर का दिन बहुत ही खास होगा। क्योंकि वहां की ही मिट्टी में खेल-कूदकर बड़ा हुआ उनका अपना नरेंद्र आज प्रधानमंत्री के रूप में उनके बीच खड़ा होगा। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद आज पहली बार गुजरात में अपने गांव वडनगर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का लोकार्पण करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री का वडनगर में रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने का भी कार्यक्रम है। वडनगर में पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वागत की तैयारी जोरों पर है। साफ-सफाई का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे स्टेशन परिसर के भीतर पेड़ों तक को धोया जा रहा है। इसके लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगाई गई हैं।
उनके अपने नरेंद्र से अब प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के स्वागत में वडनगर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी के मुताबिक, वडनगर के आसपास के गांव जैसे बदरपुर और मोलीपुर में भी पीएम के आगमन को लेकर उत्साह का माहौल है।
सोमाभाई मोदी का कहना है ‘उन्होंने (नरेंद्र मोदी) अपना सारा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया है। सभी लोगों की दुआ और प्रार्थनाएं पीएम मोदी के साथ हैं।’ प्रधानमंत्री बनने के बाद वो पहली बार अपने गांव वडनगर आने वाले हैं जिसे देखते हुए स्वागत की खास तैयारियां की गई हैं।
इसी स्टेशन पर नरेन्द्र मोदी बेचते थे चाय-
जानकारी के लिए बता दें, कि ये वही वडनगर है जहां के रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री मोदी कभी चाय बेचा करते थे। पर्यटन मंत्रालय उस जगह को पर्टयन स्थल बनाने जा रहा है। वडनगर में कई ऐसे विकास कार्य किए जा रहे हैं, जो मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू किए गए थे। ये अब पूरे हो चुके हैं। इस दौरान मोदी ‘मिशन इंद्रधनुष’ का भी शुभारंभ करेंगे। मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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