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ऑफ़बीट

जब पीयूष मिश्रा ने सुनाया ‘वो इश्क भला क्या इश्क हुआ, सुनिए क्या कहा लखनऊवासियों ने

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लखनऊ। कहते है ‘तजुर्बा दिखाने की जरुरत नहीं पड़ती क्योंकि तजुर्बा खुद-बा-खुद बोलता है’। और ये सच भी है आप खुद भी एक अनुभवहीन और अनुभवशाली इंसान के बीच का फर्क पता कर सकते है।

एक ऐसे ही मंझे हुए खिलाड़ी जिनका लोहा एक्टिंग की फील्ड से लेकर लिखावट की दुनिया तक हर कोई मानता है वो है ‘पीयूष मिश्रा।’ जो लगभग 64 बरस के है लेकिन अपने तजुर्बे के बल पर आज भी वे स्वं को एक बच्चा ही मानते है।

13 जनवरी 1986 को ग्वालियर में जन्मे पीयूष मिश्रा एक बेहद ही अच्छे कलाकार, स्क्रिप्ट राइटर, लिरिक़िस्ट, स्टोरी राइटर, सिंगर, है। रियल नेम ‘प्रियकांत शर्मा’ है। पढ़ाई एक्टिंग के लिए मशहूर कॉलेज ‘एनएसडी’ से पूरी की है।

फिलहाल, ऐसे चर्चित, जानकर और अनुभवशाली व्यक्ति अगर आपके बीच हो तो आपको उन्हे सुनकर समझने का और उन से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलता है।

कुछ ऐसा ही मौका था लखनऊ में आयोजित एक वेबसाइट के इवेंट का। जहां पीयूष मिश्रा शरीक हुए पीयूष मिश्रा को जब स्टेज पर बुलाया गया तो पूरा हॉल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा।

अपने एनएसडी के सफ़र का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की कैसे उनका एक प्ले नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में बैन हो गया था। पीयूष ने बताया कि उस प्ले का नाम था ‘हैमलेट कभी बॉम्बे नहीं गया’।

इसकी कहानी कुछ यूं है कि दुनियाभर से थिएटर सीखने की चाहत रखने वालों के साथ एक दिन ग्वालियर का हैमलेट भी एनएसडी पहुंच गया। सबकी तरह उसे भी एक्टिंग नाम की लड़की से प्यार हो गया और ये लड़की भी रहती थी तो कहा? बेशक ही एनएसडी में।

एक दिन ये एक्टिंग एनएसडी से गायब हो जाती है तो हैमलेट, शेक्सपेयर की और भगवान चाय वाले की मीटिंग बैठ जाती है। ये उस वक्त के एनएसडी में चल रहे झोल पर व्यंग्य था। इस पर एनएसडी के लोग इतना खफा हुए थे कि नाटक ही बैन कर दिया था।

असली मजा तो तब आना शुरू होता है पीयूष मिश्रा अपनी लिखावट की दुनिया में खो जाते है और तभी ऑडियंस से फरमाइशों की फुहार आना शुरू हो जाती है कोई कहता है, ‘सर! ओ हुस्ना मेरी’ सुना दीजिये तो तभी वहीँ दूसरा शख्स कहता है कि’ सर! वो इश्क भी क्या इश्क हुआ सुनना चाहते है।

खैर! तभी शुरुआत होती है पीयूष जी की मशहूर शायरी ‘वो इश्क भला क्या इश्क हुआ’ से जिसे सुनकर लखनऊ वासियों के अंदर जोश की बौछार दौड़ लगाती है और सभी जोर-जोर से ‘वाह-वाह’ के नारे लगाना शुरू कर देते है तो वहीँ पूरा हॉल हूटिंग से गूंज उठता है।

ऐसी तमाम रचनाए सुनाकर पीयूष मिश्रा ने लखनऊ की पूरी शाम को और भी सुन्दर बना दिया

पीयूष मिश्रा के बारे में एक बहुत ही अच्छी बात कही जाती है जो कुछ इस तरह से है कि, लफ्ज़ों से लेकर उच्चारण और आलाप तक, पीयूष मिश्रा के गीतों का आकर्षण एक खुरदुरा आकर्षण है।

इसीलिए बॉलीवुड की गुलाबी और चमकदार सी दुनिया में एक कलाकार के तौर पर वह हर कतार से अलग खड़े नज़र आते थे और ताउम्र नजर आते रहेगें।

 

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आ गई आईपीएल की डेट, 14 मार्च को पहला मैच, जानें कब खेला जाएगा फाइनल

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नई दिल्ली। आईपीएल का अगला सीजन 14 मार्च से शुरू होगा और इसका फाइनल 25 मई को खेला जाएगा। IPL ने इसकी जानकारी टीमों को गुरुवार को भेजे ईमेल में दी है। क्रिकइंफो के मुताबिक, IPL ने सभी टीमों को अगले तीन सीजन का ड्राफ्ट शेड्यूल भेजा है, लेकिन संभावना है कि ये अंतिम तारीखें होंगी।

2025 के सीज़न में पिछले तीन सीज़न की तरह ही 74 मैच खेले जाएंगे। हालांकि 2022 में आईपीएल द्वारा 2023-27 के चक्र के लिए बेचे गए मीडिया राइट्स में 84 मैच खेले जाने का ज़िक्र था।

आईपीएल ऑक्शन पर सभी की निगाहें

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेटिंग लीग आईपीएल का फैंस का हमेशा बेसब्री से इंतजार रहता है। आईपीएल दुनिया भर के क्रिकेटरों को एक शानदार मंच देता है। यहां खेलने वाले खिलाड़ियों को पैसा और शोहरत दोनों चीजें मिलती हैं। आईपीएल रिटेंशन के बाद अब फैंस की निगाहें मेगा ऑक्शन पर टिकी हुई हैं। इस ऑक्शन में कई फ्रेंचाइजी पूरी तरह से नया स्क्वाड बनाएंगी और कई प्लेयर्स के सबसे महंगे भी खरीदे जाने की उम्मीद है।

इस बार की मेगा ऑक्शन में 574 खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर होगा, जिसमें 366 भारतीय जबकि 208 विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। कुल 330 अनकैप्ड खिलाड़ी इस नीलामी का हिस्सा होंगे, जिसमें 318 भारतीय और 12 विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। 10 टीमों में 204 खिलाड़ियों के लिए स्लॉट खाली हैं, जिसमें 70 विदेशी खिलाड़ी जगह बना सकते हैं। बड़ी नीलामी 24 नवंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे शुरू होगी।

 

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