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वायुसेना दिवस: कैसे शुरू हुआ था वायुसेना का सफ़र, सुब्रतो मुखर्जी थे पहले एयरफोर्स प्रमुख

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आज भारतीय वायुसेना बेहद खुश नजर आ रही है और आए भी तो क्यों न दिन ही कुछ ऐसा है।  काफ़ी संघर्षों के बाद इस मकाम पर पहुंची वायुसेना आज अपना 85वां जन्मोत्सव जो मना रही है।

कभी सिर्फ तीन लोगों के साथ शुरुआत करने वाली यह वायुसेना आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना बन चुकी है।  इस वायुसेना में आज डेढ़ लाख से अधिक जवान है।

अगर हम वर्ष 1971 (भारत-पाकिस्तान युद्ध) की बात करें, तो आपको बता दें कि इस दौरान भारतीय सेना ने वो भी समय देखा जब उनके पास रात में उड़ने वाले एयरक्राफ्ट्स तक नहीं हुआ करते थे।

भारतीय वायुसेना का जन्म 8 अक्टूबर 1932 को ऑक्जलरी फोर्स यानि अतिरिक्त सेना के रूप में किया गया था। लेकिन आज उस सेना के बेड़े में दुनिया का सबसे बड़ा हरक्यूलिस विमान भी है।

सेकेंड वर्ल्ड वॉर में वायुसेना के योगदान की वजह से इसके साथ ‘रॉयल’ शब्‍द जोड़ा गया था। देश की आजादी और गणतंत्र होने के बाद वर्ष 1950 में इसे रॉयल एयरफोर्स की जगह इसका नाम भारतीय वायुसेना के रूप में पहचान दी गई। भारत के पहले एयरफोर्स प्रमुख सुब्रतो मुखर्जी थे।

1962 में भारत-चीन के युद्ध में वायुसेना ने अपनी पूरी ताकत दिखाई थी। भारत को भले ही इस युद्ध में शिकस्त मिली हो लेकिन वायुसेना की ताकत उभार पर थी।  और मजबूती की ओर बढ़ रही थी। भारत चीन के यु्द्ध के महज तीन साल बाद भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ और तब वायुसेना की ताकत का सेना पूरा इस्तेमाल किया। वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना के हवाई अड्डो को ध्वस्त कर दिया।

और आज का समय हम सब देख रहे है कि भारत कैसे दिन-प्रतिदिन मिसाइलों और तकनीकों की दुनिया में बाहरी चुनौतियों को मात दे रहा है।

आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर वायु सेना के जांबाजों ने किया अद्भुत शक्ति और शौर्य का प्रदर्शन कर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है। वायुसेना के रणबांकुरों ने भव्य परेड में कदम ताल की।

वायुसेना के सभी प्रमुख लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने अपनी ताकत तथा हैरतअंगेज करतबबाजी का भी प्रदर्शन किया। इस मौके पर मालवाहक विमानों तथा वायुसेना के पुराने बेड़े के विमानों ने भी अपने जौहर दिखाए।

इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख मार्शल बी एस धनोआ ने रविवार को कहा कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) युद्ध के लिए हर समय तैयार रहती है। धनोआ ने हिंडन वायु सैन्यअड्डे पर 85वें वायुसेना दिवस के मौके पर कहा, हम अधिग्रहण, आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण के साथ शांति की इच्छा के बावजूद शॉर्ट नोटिस मिलने पर भी लडऩे के लिए तैयार है। वायुसेना प्रमुख का कहना है कि शांतिकाल के समय नुकसान होना चिंता का कारण है।

उन्होंने यह टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वायुसेना के पांच कर्मियों व दो सैन्य कर्मियों की मौत होने के दो दिन बाद की है। भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर एमआई-17 वी5 तवांग में भारत-चीन सीमा के पास छह अक्टूबर को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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