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नेशनल

प्रधानमंत्री के लक्ष्य के पहले बालोद ओडीएफ : रमन

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रायपुर/बालोद, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 तक देश को ओडीएफ का लक्ष्य रखा, लेकिन बालोदवासियों ने इसके पूर्व की बालोद को ओडीएफ बना दिया। मुख्यमंत्री ने बालोद के गुंडरदेही में बोनस तिहार के दौरान कहा, बालोद जिला बनाया तो लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया था। आज बालोद आकर देखिए यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है। बालोद ने जिला बनने के बाद आगे बढ़ने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 तक देश को ओडीएफ का लक्ष्य रखा, लेकिन बालोदवासियों ने इसके पूर्व की बालोद को ओडीएफ बना दिया।

रमन सिंह ने बालोद जिले के 92 हजार 615 किसानों को करीब 134 करोड़ रुपये का बोनस दिया। बोनस तिहार में किसानों को धान बोनस और विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, अनुदान सहायता राशि के चेक वितरित किए। बालोद जिले के 150 गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित मकानों का लोकार्पण किया गया।

गुंडरदेही में 130 करोड़ 19 लाख रुपये की लागत के तीन हजार 230 कार्यो का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन किया। 45 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत के 3,187 विभिन्न निर्माण कार्यो का लोकार्पण और 84 करोड़ 51 लाख रुपये लागत से बनने वाले 43 विभिन्न निर्माण कार्यो का शिलान्यास किया।

इसमें चार करोड़ रुपये की लागत से टटेंगा-औरी मार्ग में खरखरा नदी पर निर्मित उच्च स्तरीय पुल मय पहुंच मार्ग, एक करोड़ तेरह लाख रुपये लागत से डौंडीलोहारा में निर्मित कन्या छात्रावास भवन, 19.39 लाख रुपये लागत के ग्राम कुसुमकसा में अटल समरसता भवन, 19.39 लाख रुपये लागत के ग्राम अरकार में अटल समरसता भवन और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 37 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से निर्मित 3,150 आवास प्रमुख रूप से शामिल हैं।

उन्होंने 11 करोड़ 42 लाख रुपये लागत के गोटुलमुड़ा चिखली से बोरगांव पटेली मार्ग, 10 करोड़ 85 लाख 62 हजार रुपये की लागत के दुधली से सुरेगांव मार्ग, नौ करोड़ 77 लाख रुपये की लागत के सिकोसा से बेलौदी मार्ग, आठ करोड़ 86 लाख रुपये की लागत के मोहंदीपाट से जेवरतला मार्ग और सात करोड़ 36 लाख रुपये की लागत के लाटाबोड़ से चारवाही मार्ग प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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