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बिजनेस

थोक महंगाई सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| खाद्य पदार्थो की कीमतों में नरमी से देश के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर रही। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा यहां सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 के संशोधित आधार वर्ष के हिसाब से डब्ल्यूपीआई अगस्त में घटकर 3.24 फीसदी रही थी। वहीं, साल 2016 के सितंबर में डब्ल्यूपीआई की दर 1.36 फीसदी थी।

बयान में कहा गया, डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर, जिसमें प्राथमिक सामग्री समूह से ‘खाद्य सामग्री’ और विनिर्मित उत्पाद समूह के ‘खाद्य उत्पाद’ अगस्त में 4.41 फीसदी पर थी, जो सितंबर में घटकर 1.99 फीसदी रही।

इसमें कहा गया, खाने-पीने की चीजों का सूचकांक पिछले महीने घटकर 4 फीसदी पर आ गया, जिसमें फलों और सब्जियों (15 फीसदी), पान की पत्तियां (6 फीसदी), रागी (4 फीसदी), बाजरा (3 फीसदी), पोर्क, मक्का और चाय (2 फीसदी) और चिकन (1 फीसदी) के दाम में इसके पिछले महीनों की तुलना में गिरावट दर्ज की गई।

थोक कीमतें जुलाई में बढ़कर 1.88 फीसदी पर रही थी, जबकि जून में यह 0.90 फीसदी थी। मई में यह 2.26 फीसदी थी।

विभिन्न खंडों के आधार पर प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें, जिसका भार डब्ल्यूपीआई सूचकांक में 22.62 फीसदी है, इसमें समीक्षाधीन माह में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अगस्त में इसमें 2.26 फीसदी की तेजी आई थी।

गैर खाद्य पदार्थो के सूचकांक में सितंबर में 0.2 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई।

डब्ल्यूपीआई के अंतर्गत विनिर्मित उत्पादों का सूचकांक में भार 64.23 फीसदी है। इसमें सितंबर में में 0.4 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

वहीं, ईंधन और बिजली के मूल्य सूचकांक में सितंबर में पिछले महीने की तुलना में 1.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसी श्रेणी में मिनरल ऑयल्स की कीमतों में 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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