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नेशनल

राहुल ने जय शाह मामले में मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया

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नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के टर्नओवर में अचानक हुए कथित इजाफे के मुद्दे पर ‘चुप्पी’ के लिए तंज कसते हुए कहा कि वह न तो इस मुद्दे पर कुछ बोलते हैं और न ही किसी को बोलने देते हैं।

राहुल ने ट्वीट कर कहा, मित्रों, शाह-जादे के बारे में न बोलूंगा, न किसी को बोलने दूंगा।

राहुल ने इशारों में मोदी की प्रसिद्ध पंक्ति ‘न खाउंगा न खाने दूंगा’ पर चुटकी लेते हुए यह बात कही।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट के साथ एक न्यूज रिपोर्ट को संलग्न किया जिसमें न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ को जय शाह के ‘सम्मान के साथ जीने के अधिकार के तहत’ इस बारे में लिखने से प्रतिबंधित किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद की एक अदालत ने पिछले सप्ताह ‘द वायर’ को जय शाह के व्यापारिक टर्नओवर पर और कुछ भी छापने पर प्रतिबंध लगाया था।

भाजपा व मोदी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘शहजादे’ व ‘युवराज’ कहकर निशाना साधते रहे हैं, उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए स्पष्ट वारिस मानकर हमला करते रहे हैं। राहुल गांधी ने भी जय शाह की कंपनी पर विवाद शुरू होने के बाद जय शाह को ‘शाह-जादा’ कहकर संबोधित किया।

राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह न्यूज पोर्टल के साथ जय शाह के कानूनी विवाद को ‘राज्य कानूनी सहायता’ का आरोप लगाकर निशाना साधा था।

राहुल गांधी इस मामले में लगातार नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना लगा रहे हैं। एक न्यूज रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद कथित तौर पर जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 16,000 गुणा बढ़ गया।

कांग्रेस ने इस मुद्दे की जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीशों से करवाने की मांग की है।

भाजपा ने कांग्रेस के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए जय शाह की कंपनी को पूरी तरह से वैध और कानूनी बताया है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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