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विकास का नहीं, धार्मिक उन्माद का संदेश देना चाहते हैं योगी : रालोद

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लखनऊ, 24 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ‘नाकामियां छुपाने के लिए मां गंगा की आरती, सरयू की आरती और अब चित्रकूट में मंदाकिनी की आरती करके प्रदेश की जनता को विकास का नहीं, बल्कि धार्मिक उन्माद का संदेश देना चाहते हैं।’

पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में त्रिलोक त्यागी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अपने प्रारंभिक दौर में ही फेल हो गई है, इसलिए भविष्य में सरकार से प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार की आशा करना बेकार है। योगी द्वारा 15 दिन में प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक सड़कें गड्ढ़ामुक्त नहीं हो सकी हैं। अपनी विफलता छिपाने के लिए राम मंदिर का राग अलापा जा रहा है।

ताजमहल का जिक्र करते हुए त्यागी ने कहा कि विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को भाजपा नेताओं द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा, जिससे 2019 में होने वाले आम चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण का संकेत स्पष्ट रूप से मिल रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इसमें सबका साथ सबका विकास कहां छिपा है।

उन्होंने कहा, न तो अब तक किसानों को कर्जे से मुक्ति मिल सकी है और न ही गन्ने का बकाया भुगतान हुआ है। लेकिन सरकार झूठे आंकड़े पेश करके वाहवाही लूटना चाह रही है। विगत वर्ष में 20 हजार किसानों ने आत्महत्याएं की है, क्योंकि किसानों की आशाओं पर कुठाराघात करना भाजपा सरकारों का रवैया बन चुका है।

त्यागी ने कहा, उप्र में गुंडागर्दी और दुष्कर्म चरम सीमा पर है। इसके बावजूद जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की छात्राओं ने सुरक्षा की मांग की तो उन पर सरकार द्वारा लाठियां भांजने का काम किया गया। बेरोजगारों, किसानों, नौजवानों और शिक्षा मित्रों पर लाठियां बरसाना योगी सरकार की आदत बनती जा रही है।

प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने जालौन निवासी शैलेंद्र यादव को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है। यादव आठ वर्षो तक जनता दल-यू के युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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