नेशनल
नहीं रहीं ‘ठुमरी क्वीन’ गिरिजा देवी, 88 साल की उम्र में निधन
कोलकाता। भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका गिरिजा देवी का बिड़ला अस्पताल में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। वह 88 साल की थीं। ‘ठुमरी क्वीन’ के नाम से प्रसिद्ध गिरिजा देवी को 1972 में पद्मश्री, 1989 में पद्मभूषण और 2016 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत में सिद्ध गिरिजा देवी की गायकी में सेनिया और बनारस घराने की अदायगी का खास माधुर्य था। वे ध्रुपद, खयाल, टप्पा, तराना, सदरा और पारंपरिक लोक संगीत की अनुपम गायिका थीं। उन्होंने ठुमरी के साहित्य का गहन अध्ययन और अनुसंधान भी किया, इसीलिए उन्हें ठुमरी की महारानी के नाम से भी शोहरत मिली।
गिरिजा देवी का जन्म आठ मई, 1929 को कला और संस्कृति की प्राचीन नगरी वाराणसी में हुआ था। उनके पिता रामदेव राय जमींदार थे। उन्होंने पांच वर्ष की आयु में ही गिरिजा देवी के लिए संगीत की शिक्षा की व्यवस्था कर दी थी। गिरिजा देवी के प्रारंभिक संगीत गुरु पंडित सरयू प्रसाद मिश्र थे। नौ वर्ष की आयु में पंडित श्रीचंद्र मिश्र से उन्होंने संगीत की विभिन्न शैलियों की शिक्षा प्राप्त की।
उनका निधन बिड़ला अस्पताल में मंगलवार रात करीब 9:30 बजे हुआ। सुबह इनकी नातिन अनन्या दत्ता ने तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल में भर्ती कराया था। बकौल अनन्या, सुबह नानी ने तबीयत खराब होने की बात कही तो हम सब उन्हें चेकअप के लिए अस्पताल लाए थे।
सुर सामाज्ञी लता ने जताया दुख
सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने लोकप्रिय ठुमरी गायिका गिरिजा देवी के निधन पर शोक जताते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। लता ने ट्वीट किया, महान शास्त्रीय और ठुमरी गायिका गिरिजा देवी हमारे बीच नहीं रहीं, यह सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ। हमारे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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