नेशनल
आगरा : विदेशी जोड़े पर हमले में 50 से ज्यादा गिरफ्तार
आगरा, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा में फतेहरपुर सीकरी के पास पांच युवाओं द्वारा स्विट्जरलैंड के एक जोड़े पर हुए हमले के बाद आगरा और उसके आसपास ऐतिहासिक धरोहरों के ईद-गिर्द गैर सामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बीते 24 घंटों में फतेहपुर सीकरी, आगरा का किला और ताजमहल के आसपास विदेशी पर्यटकों को निशाना बनाने वाले 50 से अधिक ‘लपकों’ को गिरफ्तार किया गया है। उन पर उत्पीड़न, सार्वजनिक शांति भंग करने का मामला दर्जकर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक अमित पाठक ने कहा कि स्मारकों में सूचना केंद्र बनाए गए हैं, जहां से सैलानी पुलिस की मदद ले सकेंगे। इस संदर्भ में दूरी और किरायों की पूरी जानकारी देने के लिए पुस्तिका प्रकाशित की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक स्मारकों पर अनाधिकृत विक्रेताओं की अवैध गतिविधियों पर नाखुशी जाहिर की है।
आगरा में तीन विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों और कई स्थापत्य अजूबे हैं। यहां हर साल लगभग एक करोड़ घरेलू और विदेशी पर्यटक आते हैं।
आगरा होटल्स एंड रेस्तरां संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक, पर्यटन आगरा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। यह बड़ी संख्या में छोटे और बड़े होटलों, एम्पोरिया, रिसॉर्ट के नेटवर्क को सहयोग देता है। यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद इसमें तेजी आई है।
उन्होंने बताया कि फतेहपुर सीकरी में पर्यटन हजारों परिवारों का पेट पालता है।
फतेहपुर सीकरी में 22 अक्टूबर को रेलवे ट्रैक के साथ चल रहे स्विट्जरलैंड एक जोड़े पांच युवाओं ने हमला कर दिया था। आदमी की हड्डियां टूट गई थी। दोनों को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
होटल मालिकों को इस घटना से पर्यटन पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
होटल एलिविएट के मालिक राज कुमार ने कहा, सच में इन लपकाज की वजह से शहर बदनाम हुआ है। इन नकारात्मक खबरों से आगरा और विशेष रूप से पर्यटन उद्योग की निष्पक्ष और सकारात्मक छवि प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा, आगरा का होटल कारोबार पर्यटन अनुकूल है और उचित आतिथ्य प्रदान करता है, जिसकी दुनियाभर के ग्राहक प्रशंसा करते हैं।
पहले भी स्मारकों पर लपकों के उत्पीड़न की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं करने की खातिर पुलिस की बहुत आलोचना हुई है।
बजाज मंडल हेरिटेज कंजरवेशन सोसाइटी के श्रवण कुमार सिंह ने स्वीकारा, आगरा के कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर एम्पोरियम, स्मारकों तक अवैध गाइड और एजेंट, जिन्हें स्थानीय भाषा में लपका कहा जाता है, इन्होंने पर्यटकों की नाक में दम कर रखा है।
इस पूरी प्रक्रिया में पूरा पर्यटन उद्योग बदनाम हुआ है। पर्यटक दोबारा आगरा नहीं आना चाहते। हाल यह है कि फतेहपुर सीकरी में आप अकेले नहीं चल सकते, कदम-कदम पर ये लपके आपको घेरे रहते हैं।
लाइसेंसधारी पर्यटक गाइडों को भी इन लपकों की अवांछित गतिविधियों से निपटने के लिए प्रभावी नीति बनाने की जरूरत है।
हालांकि, आगरा की घटना के बाद 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार करने का एक वर्ग ने स्वागत किया है। हालांकि, गैर सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहने वाले लोगों को गिरफ्तार करने को लेकर लोगों में रोष भी है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों में से एक के पिता ने कहा, यह फतेहपुर सीकरी में अपनी नाक बचाने की पुलिस की कोशिश है। पुलिस की जबरदस्ती की सख्ती है। उचित प्रचार और पर्यटकों को दुकान, एम्पोरियम या किसी होटल में जाने के लिए कहना अवैध नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, पुलिस के पास कोई नियम या दिशानिर्देश नहीं है कि आगरा की छवि को जानबूझकर खराब करने वाली इस तरह की गतिविधि से किस तरह निपटा जाए।
मुगल शहंशाह शाहजहां ने 17वीं सदी में अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था, जो विश्व के आठ अजूबों में से एक है।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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