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बिजनेस

इस सरकारी बैंक की देश भर में 300 शाखाओं पर लटक जाएगा ताला

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नई दिल्ली। देश का जाना-माना सरकारी बैंक पीएनबी अपनी 200 से 300 शाखाओं को आने वाले 12 महीनों में बंद कर सकता है। यह भी संभव है कि इन शाखाओं का किसी अन्य शाखा में विलय कर दिया जाए अथवा उन्हें कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है। यह सारी कवायद बैंक के कंसॉलिडेशन प्लान के तहत की जा रही है।

बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने बताया कि व्यापारिक रणनीति के लिहाज से घाटे में चल रही शाखाओं को मुनाफे वाली शाखाओं में बदलना हमारी प्राथमिकता है। बैंक ने वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में एक ग्रुप बनाया है जो कि इस संबंध में एक विस्तृत अध्ययन करेगा और ब्रांच नेटवर्क को तर्कसंगत बनाने के लिए रणनीति तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि कुछ शाखाओं को पहले ही बंद किया जा चुका है। हमारा एक विभाग पूरी तरह इस पर काम कर रहा है। मेहता ने कहा कि घाटे में चल रही ब्रांच को या तो हम मजबूत करेंगे, या उनका मर्जर होगा या उन्हें बंद कर दिया जाएगा। कुछ शाखाओं को री-लोकेट करके दूसरे स्थान पर भी ले जाया जा सकता है।

2017 के मार्च तक पीएनबी के पास 6937 शाखाएं थीं और अप्रैल से जून के बीच इसने 9 शाखाएं जोड़ीं लेकिन दूसरी तिमाही में पीएनबी ने कुल मिलाकर छह शाखाएं बंद कर दीं। इस तरह सितंबर के आखिर तक उसकी शाखाओं की संख्या कम होकर 6940 शाखाएं रह गईं।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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