Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

टाटा पावर की 25 मेगावाट सोलर प्लांट का परिचालन चालू

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)| टाटा पावर के पूर्ण स्वामित्व वाली अक्षय ऊर्जा कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) ने बुधवार को गुजरात के चरणका में स्थित सोलर पार्क में 25 मेगावाट सोलर प्लांट का परिचालन शुरू करने की घोषणा की। टाटा पावर ने एक बयान में कहा कि यह परियोजना कंपनी ने भारत सरकार के नेशनल सोलर मिशन के तहत साल 2016 के नवंबर में वीजीएफ मोड के जरिए हासिल की थी। बिजली खरीद करार (पीपीए) के तहत इस परियोजना का परिचालन शुरू करने की निर्धारित समयसीमा दिसंबर 2017 पहले ही इसका परिचालन शुरू कर दिया गया है। इस प्लांट का परिचालन शुरू होते ही टीपीआरईएल की कुल स्थापित परिचालन क्षमता बढ़कर 1484 मेगावाट हो गई है।

यह सोलर प्लांट 113 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है और इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली की बिक्री के लिए एसईसीआई के साथ 25 वर्ष की अवधि का करार हुआ है और एसईसीआई यह बिजली 4.43 रुपये/यूनिट की दर पर खरीदेगी।

टाआ पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल शाह ने कहा, हमारा उद्देश्य टीपीआरईएल के जरिए एक केंद्रित अक्षय ऊर्जा कारोबार स्थापित करना है, जो सतत विकास करता रहे। गुजरात में 25 मेगावाट सोलर प्लांट का परिचालन शुरू होना स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा उत्पादन के अपने पोर्टफोलियो को बढ़ाने की हमारी कोशिश में ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमेशा की तरह हम आगे भी अपना अक्षय ऊर्जा उत्पादन पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए नए संयंत्र लगाने के साथ ही विंड और सोलर प्लांट्स का अधिग्रहण करने के अवसर ढूंढती रहेंगे।

टाटा पावर का लक्ष्य 2025 तक कंपनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता में से गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोत की हिस्सेदारी बढ़ाकर 35-40 फीसदी करना है। टाटा पावर की अक्षय ऊर्जा क्षमता ने इस साल 2000 मेगावाट का आंकड़ा पार किया है जबकि ग्रीन जेनरेशन पोर्टफोलियो ने 3000 मेगावाट का आंकड़ा हासिल किया है।

Continue Reading

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending