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नेशनल

बिहार के मुजफ्फरपुर में पहली ‘बाल समाचार सेवा’ शुरू

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मुजफ्फरपुर, 14 नवंबर (आईएएनएस)| ‘बाल दिवस’ के मौके पर मंगलवार को बिहार में मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के जारंग उच्च विद्यालय में बच्चों की पहली समाचार सेवा (स्क्रैपी न्यूज सर्विस) की शुरुआत हुई। भारत में बच्चों की यह पहली समाचार सेवा बताई जा रही है। राज्य में 20 अलग-अलग न्यूज रूम स्थापित किए गए हैं। मुजफ्फरपुर (पूर्वी) के अनुमंडल अधिकारी सुशील कुमार ने इस समाचार सेवा का शुभारंभ करते हुए कहा कि चिल्ड्रेंस स्क्रैपी न्यूज सर्विस बच्चों के सर्वागीण विकास में मददगार होगा।

उन्होंने कहा, बच्चों में इस बात की भी समझ बढ़ेगी कि किस तरह बेकार सामानों को भी उपयोगी बनाया जा सकता है। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपने हुनर से नई वस्तुएं बना सकेंगे।

उन्होंने स्वयंसेवी संस्था ‘गोइंग टू स्कूल’ के इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘स्क्रैपी किड्स’ मंच के तहत इस सर्विस को सोशल वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर लॉन्च करने के लिए सांकेतिक तौर पर बाल दिवस का चयन किया गया। इस मौके पर उन्होंने बच्चों को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

चिल्ड्रेंस स्क्रैपी न्यूज सर्विस के उद्घाटन के मौके पर दो कार्यक्रमों स्क्रैपी रेस और ग्रुप डिस्कशन का भी आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के दौरान चिल्ड्रेंस स्क्रैपी न्यूज सर्विस के लिए दिल्ली से आए नितिन उपाध्याय, मिथुन कुमार, राजीव रस्तोगी, आदित्य गोयल, मिलन तिवारी और सरत चंद्रा (पटना) के साथ मुजफ्फरपुर के विकास धीर, रितेश कुमार, हेमंत कुमार, चंदा कुमारी, पिंकी कुमारी, सरोज कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

नितिन ने इस मौके पर बताया कि इस सर्विस के लिए राज्य के तिरहुत क्षेत्र के मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिले सहित बिहार में बीस अलग-अलग न्यूज रूम स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि चिल्ड्रेंस स्क्रैपी न्यूज सर्विस के लिए ये सारे न्यूज रूम पूरी तरह से बेकार की चीजों से बनाए गए हैं। इस अस्थायी स्क्रैपी न्यूज सर्विस और न्यूज-टॉक-गेम शो को बच्चों के लिए और बच्चों के द्वारा तैयार किया गया है।

ये सर्विस भारत की सबसे बड़ी समस्याओं को ‘डिजाइन थिंकिंग’ और ‘स्क्रैपी कौशल’ से हल करने का रास्ता सुझाएगा। इसके मद्देनजर मुजफ्फरपुर के न्यूजरूम के लिए अभिनव और दिलचस्प गतिविधियों की एक लिस्ट तैयार की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘स्क्रैपी हीरोज’ ने स्थानीय उद्यमियों जैसे मधुमक्खी पालकों, महिला ई-रिक्शा चालकों, महिला मुक्केबाजी चैंपियनों, यातायात महिला पुलिस, जैविक किसानों के साथ ही ग्रांड पैरेंट्स (दादा-दादी) के इंटरव्यू पर ध्यान केंद्रित किया है।

इसके अलावा ‘स्क्रैपी डिबेट्स’ में स्क्रैपी किड एंकर्स ने स्थानीय मेहमानों को न्यूज रूम में सही मुद्दों पर चर्चा करने और समस्याओं के सामूहिक समाधान ढूंढने के लिए आमंत्रित किया।

इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ललन प्रसाद सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार सिंह सहित कई अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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