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विधिक समुदाय विवादों के वैकल्पिक समाधान का उपयोग करे : प्रभु

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नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने विवादों के वैकल्पिक समाधान (एडीआर) के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विधिक समुदाय को व्यवसाय करने को सुगम बनाने के लिए इस व्यवस्था का उपयोग करना चाहिए। प्रभु ने यह बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हाल ही में दिल्ली में हुए बार लीडरशिप सम्मेलन में कही। इंडियन नेशनल बार एसोसिएशन (आईएनबीए), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सेंटर फॉर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ (सीटीआईएल) और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान की ओर आयोजित इस सम्मेलन का एजेंडा ‘भारतीय विधिक क्षेत्र में सुधार’ था।

सम्मेलन में भारत के विधि सेवा क्षेत्र के उदारीकरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।

सोमवार को मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सम्मेलन में सभी इस बात को लेकर सहमत थे कि आज की दुनिया की सच्चाइयों के साथ तालमेल बनाने के लिए विधिक क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री (उच्च शिक्षा) सत्यपाल सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कानून को न्याय दिलाने में ज्यादा सक्षम बताते हुए भारत में न्याय प्रणाली की निष्पक्षता व तटस्थता के महत्व पर बात रखी।

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को खासतौर से पीड़ितों को होने वाली कठिनाइयों पर ध्यान देना चाहिए।

आईएनबीए के महासचिव कविराज सिंह ने भारत के विधिक क्षेत्र में पिछले दो दशकों से आए व्यापक बदलाव पर प्रकाश डाला और कहा कि तीन क्षेत्रों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। यह तीन क्षेत्र भारत में मध्यस्थता की प्रणाली, भारतीय विधिक नियामक क्षेत्र में सुधार और विधिक सेवा क्षेत्र का उदारीकरण हैं।

कानून सचिव सुरेश चंद्रा ने कहा कि भारत में विधिक क्षेत्र के कारोबार को बढ़ाने की अपार संभावना है, जोकि इस समय तकरीबन नौ अरब डॉलर का है। उनका सुझाव था कि विधिक क्षेत्र के सुधार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म एंड परफॉर्म’ के एजेंडे से जोड़ा जा सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. एस. सूरी ने कहा कि बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया, स्टेट बार काउंसिल और सरकार के बीच समझ को लेकर पैदा खाई को पाटने की जरूरत है।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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