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खेल-कूद

कोहली से कम नहीं है मिताली, डांसर से बन गईं क्रिकेटर

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मुम्बई। भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली लगातार क्रिकेट के फलक पर चमक रहे हैं। वहीं महिला क्रिकेट में मिताली राज का नाम भी विश्व क्रिकेट में एक अलग पहचान बना चुका है।

जहां एक ओर पुरुष क्रिकेट में विराट कोहली लगातार चमक रहे हैं वहीं महिला क्रिकेट में मिताली राज भी किसी से कम नहीं है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज रविवार को 35 साल की हो गई। मिताली ने वनडे और टेस्ट क्रिकेट दोनों में अपनी बल्ले की धमक दिखाई है।

उनका औसत क्रिकेट के दोनों फॉर्मट में 50 से ज्यादा का है। दरअसल महिला क्रिकेट में मिताली राज ने भारतीय क्रिकेट को अलग पहचान दी है। मिताली राज ने महिला क्रिकेट के इतिहास में 6000 रन बनाने के मामले में पहली महिला क्रिकेट भी है। उन्होंने यह सफलता केवल 183 मैचों में हासिल की है। बहुत कम लोग जानते हैं कि मिताली राज क्रिकेटर नहीं बनना चाहती थी।

दरअसल वह क्रिकेटर नहीं बल्कि क्लासिकल डांसर बनना चाहती थी। क्लासिकल डांसर बनने की चाह रखने वाली मिताली ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखना भी बेहद रोचक रहा है। भरतनाट्यम डांसर में अव्वल मिताली राज शुरू से ही बेहद आलसी रही है।

उनके पिता इस बात का डर रहता था कि उनकी बेटी पीछे न रह जाये इसी वजह से उन्होंने अपनी लाड़ली को क्रिकेट की पिच पर उतारने का फैसला किया। जब मिताली 10 साल की थीं तो वह उन्हें सिकंद्र्राराबाद में सेंट जोन्स कोचिंग कैंप में ले जाया करते थे। वहां से उन्होंने क्रिकेट की शुरुआती दांव पेंच सीखना शुरू कर दिया था।

जोधपुर में पैदा हुईं मिताली राज ने भारतीय क्रिकेट की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता है। परिवार को खुशी है कि उनकी लाड़ली को आखिकार क्रिकेट से भी प्यार हो गया।

1999 में आयरलैंड के खिलाफ वन डे क्रिकेट में डेब्यू करने वाली मिताली राज ने बेहद कम समय में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई देनी शुरू कर दी। उन्होंने 186 वन डे में 6190 रन बनाये जबकि 10 टेस्ट में 663 रन बनाये है।

केवल 21 साल की आयु में भारतीय क्रिकेट की कमान अपने हाथ ली और लगातार टीम इंडिया को नई राह दिखा रही है। इतना ही साल 2013 में वह महिला क्रिकेट की रैंकिंग में अव्वल रही है। कुल मिलाकर महिला क्रिकेट में वह विराट कोहली से कम नहीं है।

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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