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पटनायक ने जेयी राजगुरु को राज्य का पहला स्वतंत्रता सेनानी बताया, मंत्री असहमत

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भुवनेश्वर, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को जेयी राजगुरु को राज्य का पहला स्वतंत्रता सेनानी बताया लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी दामोदर राउत ने राजगुरु को स्वतंत्रता सेनानी मानने से इनकार कर दिया।

पटनायक ने राजगुरु की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राजगुरु 1804 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे।

पटनायक ने ट्वीट कर कहा, महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी शहीद जेयी राजगुरु की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन। निर्भय देशभक्त जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी जान दी, सभी देशवासियों के दिलों में बसते हैं।

लेकिन, राज्य के कृषि मंत्री दामोदर राउत ने कहा, इतिहासकार बी.सी. रे और अन्य के अनुसार जेयी राजगुरु स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे।

राउत ने पूछा, मैं किसी के बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। अगर इतिहासकार गलत हैं, तो सच्चाई क्या है?

राउत इससे पहले भी राजगुरु को स्वतंत्रता सेनानी नहीं बताकर विवादों में फस चुके हैं।

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता के लिए पहली लड़ाई (पाइका विद्रोह) 1804 में नहीं, बल्कि 1817 में लड़ी गई थी और राजगुरु ने नहीं बल्कि बुक्सी जगबंधु ने इस लड़ाई का नेतृत्व किया था।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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