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नेशनल

पंजाब निकाय चुनाव: कांग्रेस की भारी जीत, अकाली दल-बीजेपी ने लगाए आरोप

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चंडीगढ़। पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस ने रविवार को नगर निकाय चुनाव में भारी जीत हासिल की, जबकि विपक्षी शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने बूथ कैप्चरिंग और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पटियाला नगर निगम में 58 वार्डो पर जीत हासिल की, जबकि विपक्ष यहां खाता भी नहीं खोल पाया।

जालंधर में कांग्रेस ने 66 वार्डो में जीत हासिल की, जबकि अकाली दल-भाजपा ने 12 सीटें जीती। अमृतसर में कांग्रेस ने 69 सीटों पर जीत दर्ज की और अकाली दल-भाजपा ने मिलकर 12 वार्डो पर जीत हासिल की। अमृतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगमों और 29 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान रविवार को हुआ।

पटियाला शहर और कुछ अन्य स्थानों पर अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़पें हुईं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृहनगर पटियाला में पुलिस को दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। अकाली दल ने सभी वार्डो में चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए चुनाव को तत्काल रद्द करने की मांग की।

अकाली दल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच कराने और कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम करने वाले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) पर निकाय चुनाव में जनता की आवाज को हराने के लिए कांग्रेस की साजिश का हिस्सा बनने का आरोप लगाया।

उन्होंने परिणाम घोषित होने के बाद कहा, “हम उच्च न्यायालय जाएंगे और एसईसी, सत्ताधारी कांग्रेस और पुलिस अधिकारियों की साजिश को बेनकाब करेंगे।” दूसरी तरफ अमरिंदर सिंह ने चुनाव परिणाम को कांग्रेस की नीतियों पर जनता की स्पष्ट मुहर और विपक्ष के कुप्रचार की करारी हार बताया। उन्होंने एक बयान में कहा, “में पंजाब के लोगों को विपक्ष के दबाव के हथकंडे के आगे न झुकने के लिए बधाई देता हूं।”

अकाली दल और भाजपा के नेताओं ने सत्ताधारी कांग्रेस पर धांधली करने के आरोप के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय के सामने अपराह्न् में विरोध प्रदर्शन किया। अकाली नेता और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने यहां मीडिया से कहा, “हमने लोकतंत्र की ऐसी हत्या पहले कभी नहीं देखी, जैसी कि आज हुई है।”

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, मुख्य विपक्ष आम आदमी पार्टी आप और शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बीच था। पंजाब के सबसे बड़े शहर लुधियान के नगर निगम के लिए चुनाव नहीं हो सका, क्योंकि यहां मतदाता सूची को अद्यतन नहीं किया जा सका था।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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