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उप्र व दक्षिण कोरिया के बीच पर्यटन की असीम संभावनाएं : योगी
लखनऊ, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उप्र और दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को यहां शास्त्री भवन में दक्षिण कोरिया के गिम्हे सिटी के मेयर डू यून सू और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस अवसर पर उप्र व दक्षिण कोरिया के रिश्तों को नया आयाम देने के लिए कौशल विकास, पर्यटन, कृषि व संस्कृति से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, दक्षिण कोरिया और उप्र के बीच पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। भारत व दक्षिण कोरिया के बीच तकनीकी संबंधों को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे प्रदेश में निवेश आने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े कपिलवस्तु, कुशीनगर, सारनाथ और श्रावस्ती जैसे स्थान प्रदेश में हैं। समझौते के माध्यम से जहां एक ओर दक्षिण कोरिया के श्रद्धालुओं को यहां आने का अवसर प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर उन्हें भगवान बुद्ध के विषय में जानकारी भी मिलेगी।
गिम्हे सिटी के मेयर ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के सांस्कृतिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का एक नया कदम है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल को स्मृति चिह्न भी दिया।
गौरतलब है कि वर्ष 2000 में दक्षिण कोरिया का एक प्रतिनिधिमंडल अयोध्या आया था और इसके बाद अयोध्या तथा दक्षिण कोरिया के गिम्हे नगरों के बीच सिस्टर सिटी अनुबंध हुआ। इसके तहत अयोध्या में क्राक क्लैन सोसाइटी द्वारा एक स्मारक बनवाया गया, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में दक्षिण कोरिया से पर्यटक आते हैं।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरिया के किम लोगों का यह मानना है कि आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व अयोध्या की एक राजकुमारी दक्षिण कोरिया गई थीं, जहां उनका विवाह राजा किम सूरो से हुआ था। वर्तमान में उनके वंशज आज दक्षिण कोरिया के क्राक क्लैन के सदस्य हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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