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लाइफ स्टाइल

उम्र के इस पड़ाव पर महिलाओं को नहीं रहता खुद पर कंट्रोल, बार-बार बनाना चाहती हैं संबंध

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नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि शारीरिक संबंध बनाने का बेस्ट समय जवानी होता है। खासतौर से उम्र जब 20-25 के बीच हो। लेकिन क्या आपको पता है कि लड़कियां किस उम्र में सेक्स को सबसे ज्यादा एन्जॉय करती हैं या किस उम्र में उन्हें सेक्स करने का सबसे ज्यादा मन करता है। हाल ही में हुई रिसर्च में बताया गया है कि उम्र के किस पड़ाव में महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता है।

रिसर्च में ये बात सामने निकलकर आई कि महिलाएं 35 की उम्र में शारीरिक संबंधो को सबसे ज्यादा एन्जॉय करती हैं और पुरुष 31 की उम्र में। इस रिसर्च को नैचुरल साइकल ऐप द्वारा 2600 महिलाओं पर किया गया।

ख़बर के मुताबिक, 35 साल से ज्यादा उम्र की जितनी भी महिलाएं इस रिसर्च में शामिल थीं, उन्होंने माना कि शारीरिक संबंध बनाने का सबसे अधिक मजा उन्हें अब मिल रहा है। उन्होंने इस उम्र में शारीरिक संबंधो को अच्छे से इंज्वॉय किया और वो अपने शरीर को लेकर कॉन्फिडेंट भी दिखीं।

इस उम्र की अधिकतर महिलाओं ने माना कि वह सप्ताह में चार से छह बार शारीरिक संबंध बनाती हैं। महिलाओं की इच्छा 35 से 40 के बीच पीक पर होती है, वह इस उम्र में अपनी सेक्स लाइफ से काफी संतुष्ट रहती हैं।

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पपीता के सेवन से मिलता है लाभ, जानें किन -किन समस्याओं में है लाभकारी

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नई दिल्ली। पपीता एक ऐसा फल है जो साल के बारह महीने बिकता है। इस फल का सेवन सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। खासतौर पर पेट के लिए पपीता का सेवन अमृत सामान है। पपीता पोषक तत्वों का भंडार है, जिसमें ज़रूरी मिनिरल्स, विटामिनों और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पपीते की एक सर्विंग (लगभग 1 कप, क्यूब्स में कटा हुआ) आपको कई समस्याओं से बचा सकती है। सुबह के समय खाली पेट सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलेंगे।

पपीता में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। पपीता बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पपीते में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो रक्तचाप, मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका संचरण को बनाए रखने में मदद करता है। पपीते में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वजन को कम करता है और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, पपीता विभिन्न अन्य विटामिनों और आवश्यक खनिजों का स्रोत है, जिनमें विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।

इन समस्याओं में भी है लाभकारी:

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए: पपीते में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर की संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

सूजन करे कम: पपीते में लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे अनोखे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण होते हैं। यह गुण पुरानी सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़े लक्षणों को कम करने में मददगार है।

दिल की सेहत करे बेहतर: फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट का पपीता संयोजन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

त्वचा के लिए भी है फायदेमंद: पपीते में मौजूद विटामिन सी और ए कोलेजन कोलेजन बढ़ाते हैं जिससे स्किन का टेक्स्चर बेहतर होता है और महीन रेखाओं और झुर्रियों से भी छुटकारा मिलता है।

 

 

 

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