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बिजनेस

बिहार में 500 करोड़ रुपये निवेश का आईटीसी का प्रस्ताव

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पटना, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार सरकार को देश की बड़ी कंपनी आईटीसी ने 500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव पुरी ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से मिल कर राज्य में बिस्किट, नूडल्स, कुकीज व अन्य खाद्य उत्पाद के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए कंपनी ने सरकार से 60 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने यहां बताया कि आईटीसी पिछले दिनों बिहार के सात जिलों -मुंगेर, समस्तीपुर, लखीसराय, बक्सर, भागलपुर, बेगूसराय और बांका- के किसानों से एक लाख मीट्रिक टन गेहूं और मक्का की खरीद की है। आईटीसी उन्नत किस्म की अधिक ऊपज देने वाली फसलों की खेती, पशुओं के नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा कि आईटीसी के सहयोग से बिहार के 325 गांवों के 1.25 लाख किसानों की 60 हजार एकड़ जमीन पर अधिक उपज देने वाले गेहूं की प्रजातियों की जीरो टिलेज से बुआई की गई है। आईटीसी ने अपने फ्रूट जूस ब्रांड ‘बी नेचुरल’ के लिए डेढ़ हजार मीट्रिक टन लीची की खरीद के लिए सूबे के किसानों से समझौता किया है।

इसके अलावा कंपनी पांच जिलों के 1500 किसानों की 750 एकड़ जमीन पर आलू बीज की उम्दा किस्म को विकसित करने की परियोजना पर भी काम कर रही है।

आईटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले चार वर्षो में वह बिहार में डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य प्रक्षेत्रों में 400 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है। मुंगेर में 150 करोड़ रुपये की लागत से डेयरी स्थापित की गई है, जिसमें प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग की जाती है। इसके लिए 400 गांवों के 5,000 किसानों से दूध संग्रह किया जाता है।

आईटीसी का प्रमुख ब्रांड ‘आशीर्वाद स्वास्ति’ घी मुंगेर डेयरी का ही उत्पाद है। इसके अलावा आईटीसी तीन लाख पशुओं के नस्ल सुधार के लिए भी काम कर रही है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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