ऑफ़बीट
OMG ! पीरियड्स के दौरान यहां पर महिलाओं को जानवरों के साथ रात भी बितानी पड़ती है
आधुनिक युग में भले ही महिलाएं तरक्की की नई इबारत लिख रही हों लेकिन इस सबके बावजूद हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसे भी गांव हैं जहां आज भी महिलाएं नरक सा जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां बात हो रही है हिमाचल के जिला कुल्लू की।
यहां की करीब 82 पंचायतों में आज भी महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को मासिक धर्म होने पर घर से ही बाहर रहना पड़ता है। उन्हें पशुशाला में ही जानवरों के साथ रात भी बितानी पड़ती हैं। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अपना समय पशुशाला में ही बिताना पड़ रहा है।
हालांकि समाज में फैली इन भ्रांतियों को दूर करने के विषय पर जिला कुल्लू प्रशासन ने भी पहल शुरू की है। इसके तहत महिलाओं के सशक्तीकरण, उनके स्वस्थ और स्वच्छ जीवन, स्वाभिमान और उत्थान के लिए कुल्लू जिला प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से नारी-गरिमा अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
इस अभियान के दौरान महिलाओं के पीरियड्स से संबंधित भ्रांतियां दूर करने और व्यक्तिगत स्वच्छता पर बल देने के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण और उत्थान से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में व्यापक मुहिम चलाई जाएगी। कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने नगर विकास खंड के गांव जाणा से नारी गरिमा जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया।
82 ग्राम पंचायतों में होता है। ऐसा उपायुक्त यूनुस ने कहा कि महिलाओं के पीरियड्स को लेकर समाज के एक बहुत बड़े वर्ग में अब भी कई भ्रांतियां और कुरीतियां फैली हुई हैं। कुल्लू जिले में भी सबसे पहले सर्वेक्षण के दौरान करीब 82 ग्राम पंचायतों में ये पाया गया है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर कुछ बंदिशें लगाई जाती हैं। यहां के समाज में कई तरह की भ्रांतियां हैं।
उपायुक्त ने कहा कि इन भ्रांतियों को दूर करने, पीरियड्स के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य की सही देखभाल और व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति महिलाओं को जागरूक करने, उनके जीवन स्तर में सुधार के उद्देश्य से ही कुल्लू जिला में व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत जिलेभर में नारी गरिमा जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मिशन को सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। कुछ पंचायतों के क्लस्टर भी बनाए जाएंगे। उनमें बड़े पैमाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्करों, हैल्थ वर्करों और विभिन्न महिला संगठनों की पदाधिकारियों के माध्यम से महिलाओं को पीरियड्स की व्यापक जानकारी दी जाएगी।
इस दौरान स्वास्थ्य की देखभाल और व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान में देवी-देवता कारदार संघ और अन्य धार्मिक और सामाजिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एक साल तक चलने वाले इस अभियान की निरंतर समीक्षा की जाएगी। फील्ड स्तर पर गठित टीमें हर सप्ताह समीक्षा करेंगी, जबकि उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी इस पर नजर रखेगी और हर पखवाड़े के दौरान बैठक करेगी। इसके अलावा महिलाओं के मार्गदर्शन के लिए हेल्पलाइन नंबर 01902222105 शुरू किया गया है। इस नंबर पर आने वाले फोन कॉल्स का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान
नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।
बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन
पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।
अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी
पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।
पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स
पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।
लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई
अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।
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