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बड़ा फैसला: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी होगी विमानों की लैंडिंग

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लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर भी एयर स्ट्रिप बनाई जाएगी, जहां इमरजेंसी में विमानों की लैंडिंग हो सकेगी। यह फैसला मंगलवार को राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बैठक में कुल 10 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की तर्ज पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर भी एयर स्ट्रिप बनाया जाना है जहां आपात स्थिति में विमानों की लैंडिंग हो सकेगी। इसके अलावा कैबिनेट ने उप्र रेल कार्पोरेश्न के गठन संबंधी प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह व प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने दी। सिद्घार्थनाथ हालांकि तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से प्रेस कांफ्रेंस छोडक़र चले गए। उनकी अनुपस्थिति में अवनीश अवस्थी ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

प्रमुख सचिव अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की तरह ही 3000 मीटर का एयर स्ट्रिप तैयार किया जाएगा। यह एयर स्ट्रिप सुल्तानपुर जिले में कुडेभार में बनाई जाएगी।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के तहत आठ पैकेज की बिडिंग जल्द ही शुरू की जाएगी और इसे डेढ़ महीने के भीतर 15 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए अभी तक 84़33 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है।

अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए इलाहाबाद बैंक से 2000 करोड़ रुपये का ऋण मिल गया है। इसके अतिरिक्त 15 हजार करोड़ रुपये के अन्य ऋण भी फाइनल कर लिए गए हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस को अब 15 वषरें में निर्मित किया जाएगा, पहले इसकी अवधि 10 वर्ष थी। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे को उप्र के चार धार्मिक शहरों अयोध्या, वाराणसी , इलाहाबाद और गोरखपुर से लिंक किया जाएगा।

प्रमुख सचिव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हो रही दुर्घटनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया है। इसमें यह बात निकलकर सामने आयी है कि दो वजहों से इस एक्सप्रेसवे पर हादसे हो रहे हैं। पहली वजह इस एक्सप्रेसवे पर आवश्यकता से अधिक तेज गति से वाहन चलाना है। दूसरी वजह इस एक्सप्रेसवे पर अवैध ट्रकों के आवागमन है।

अवस्थी ने बताया कि अवैध ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर उनका प्रवेश हर हाल में रोका जाए। दूसरा ओवरस्पीडिंग को लेकर एक्सप्रेसवे पर कैमरे लगाये जाएंगे जिसके तहत स्पीड पर नियंत्रण किया जा सके।

प्रमुख सचिव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में उप्र रेल कार्पोरेशन के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गयी। इसके अमल में आने के बाद उप्र में यदि कहीं भी मेट्रो का काम होगा, उसे इस कार्पोंरेशन के तहत ही किया जाएगा। इससे कई तरह की तकनीकी दिक्कतें आसानी से दूर हो सकेंगी।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि इन दो महत्वपूर्ण फैसलों के अलावा सिंचाई विभाग के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। इसके तहत सरयू नहर, अर्जुन सहाय परियोजना और मध्य गंगानहर परियोजना को पूरा करने के लिए नाबार्ड से ऋण लिया जाएगा।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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