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सीएसटीएम से नहीं छिनेगा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा : रेलवे

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मुंबई/नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| रेल मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटीएम) के भवन से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा नहीं छिनेगा।

दरअसल टर्मिनस के भवन से मध्य रेलवे कार्यालयों को वहां से हटाकर खाली जगह को एक संग्रहालय में बदलने की कवायद शुरू की जानी है, जिसके बाद टर्मिनस से घरोहर स्थल का दर्जा छिनने का खतरा मंडराने लगा था।

मध्य रेलवे ने दिसंबर 2017 में रेलवे बोर्ड से अपने मुख्यालय को 129 साल पुराने सीएसटीएम से मुंबई के किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने और वर्तमान कार्यालय को संग्रहालय में बदलने की मांग की थी।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, सीएसटीएम को संग्रहालय में बदलने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को 15-20 दिन पहले ही प्राप्त हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि मध्य रेलवे के नए मुख्यालय का निर्माण मुंबई के पी. डिमेलो रोड पर प्रस्तावित है, जो वर्तमान कार्यालय से बमुश्किल से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अधिकारी ने कहा, नए भवन को बनाने में 65 करोड़ से 100 करोड़ की अनुमानित लागत आएगी।

इस प्रतिष्ठित भवन से मध्य रेलवे के कार्यालय स्थानांतरित होने के फैसले के बाद ट्रेनों के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह भवन ताज महल के बाद भारत का सबसे ज्यादा फोटो खींचे जाने वाला ढांचा है।

अधिकारी ने कहा, सीएसटीएम के 18 प्लेटफार्मो पर ट्रेनों का आवागमन जारी रहेगा और इसके पास यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा बरकरार रहेगा।

उन्होंने कहा, आगंतुकों की संख्या को नियंत्रित कर भवन को ठीक से बनाए रखने में रेलवे को मदद मिलेगी।

भवन को संग्रहालय में बदलने का विचार कहां से आया? अधिकारी ने कहा, 27 नवंबर को रेल मंत्री पीयूष गोयल के सीएसटीएम दौरे के दौरान अपना नाम आगंतुक पुस्तक पर लिखते हुए वह इस भवन को संग्रहालय में बदलते हुए देखना चाहते थे।

उन्होंने कहा, मंत्री की चाहत है कि भवन को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सहेज कर रखा जाए।

अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव को एक सप्ताह की अवधि में तैयार किया गया और रेलवे बोर्ड के पास भेजा गया। फिलहाल चेयरमैन द्वारा मंजूरी मिलने का इंतजार है।

अधिकारी ने यह भी बताया कि मध्य रेलवे के महाप्रबंधक डी.के. शर्मा ने अपने पत्र में रेलवे बोर्ड के प्रस्ताव के साथ सुझाव दिया है कि संग्रहालय का काम प्रकृति में काफी विशिष्ट है। भवन को एक संग्रहालय में परिवर्तित करने की परियोजना को विरासत के कार्यकारी निदेशक मंडल के माध्यम से किया जाना चाहिए।

उन्होंने संग्रहालय के काम के लिए विशेषज्ञों की राय तलाशने के लिए भी रेलवे बोर्ड से कहा है।

अधिकारी ने कहा कि भवन को संग्रहालय में बदलने का काम इस साल मध्य रेलवे की 130वीं वर्षगांठ के मौके पर मई से शुरू हो सकता है।

वर्तमान में सीएसटीएम भवन में तीन कार्यालय हैं, जहां मध्य रेलवे के लगभग 400 कर्मचारी काम करते हैं।

सीएसटीएम भवन ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस द्वारा डिजाइन किया गया था। प्रतिष्ठित भवन लंदन के सेंट पंक्रास रेलवे स्टेशन से मिलता-जुलता है। इसका निर्माण 1888 में शुरू किया गया था, जो 10 साल में बनकर पूरा हुआ था।

गॉथिक-पुनरुद्धार शैली में प्रसिद्ध वास्तुशिल्प-चिह्न् ने महान भारतीय प्रायद्वीपीय रेलवे के मुख्यालय के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। जोनल रेलवे भी इसी इमारत से 1951 से काम कर रहा है।

यह स्टेशन 1996 तक विक्टोरिया टर्मिनस (वी.टी.) के रूप में जाना जाता था। बाद में स्टेशन का नाम मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी के सम्मान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में बदल दिया गया।

महाराष्ट्र विधानसभा में दिसंबर 2016 में नाम बदलने के संकल्प के बाद 2017 में स्टेशन को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के रूप में फिर से नामित किया गया था।

गृह मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र भेजा था, जिसमें मई 2017 में नाम बदलने का उल्लेख किया गया था।

मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, रोजाना 30 लाख उपनगरीय यात्री इस रेलवे स्टेशन का उपयोग करते हैं।

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महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं

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वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।

योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।

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