Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अधिकांश पार्टियां चुनावी बांड की राह में रोड़ा : जेटली

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि अधिकांश राजनीतिक दल राजनीतिक चंदे (पॉलिटिकल फंडिंग) की मौजूदा प्रणाली से ‘पूरी तरह संतुष्ट’ हैं और वे चुनावी बांड जैसी पारदर्शी प्रणाली की तरफ नहीं बढ़ना चाहेंगी।

जेटली ने एक विश्लेषण में लिखा, भारत में एक पारदर्शी राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था नहीं हो सकती, क्योंकि ज्यादातर राजनीतिक समूह मौजूदा व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट दिख रहे हैं। इसलिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने के लिए वैकल्पिक प्रणाली लाने पर अडं़गा डालने की कोशिश हो रही है।

वित्तमंत्री ने वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में चुनावी बांड की संकल्पना की घोषणा की थी और दो जनवरी को इसे लोकसभा में उन्होंने प्रस्तुत भी किया। उन्होंने कहा कि वर्षो से कई सुधार किए गए, लेकिन उन सुधारों से राजनीतिक दलों को दिए जा रहे चंदे का सिर्फ छोटा अंश चेक में आ रहा है।

उन्होंने कहा, इस सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के क्रम में मैंने 2017-18 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि राजनतिक दलों को सफेद धन कई प्रकार से दिए जा सकते हैं। चेक में दिए गए धन पर दानदाता को कर में छूट मिल सकती है। दानदाताओं को ऑनलाइन राजनीति दलों को दान देने की भी आजादी दी गई।

वित्तमंत्री ने कहा, इसके अतिरिक्त, राजनीतिक दलों को दिए जा रहे चंदे की प्रणाली में सफेद धन व पारदर्शिता लाने के मकसद से चुनावी बांड की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि इस योजना में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की प्रणाली में पूरी तरह से सफेद धन और पूरी पारदर्शिता बरतने पर विचार किया गया है।

दानदाता सिर्फ एक विशेष बैंकिंग उपकरण के जरिए निर्दिष्ट बैंक से ही चुनावी बांड खरीद सकते हैं। उनको अपने खाते में उनके द्वारा खरीदे गए राजनीतिक बांड का खुलासा करना होगा। बांड की अवधि सिर्फ 15 दिन होगी।

बांड को राजनीतिक दल के पूर्व घोषित खाते में भुनाया जा सकता है। प्रत्येक राजनीतिक दल को इसके अपने रिटर्न में चुनावी बांड से प्राप्त धन के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देनी होगी।

जेटली ने कहा, वस्तुत: मौजूदा प्रणाली और नई प्रणाली के बीच चयन समझदारीपूर्वक करना होगा। मौजूदा प्रणाली जिसमें ज्यादातर दान नकदी में दिए जाते हैं और वह सफेद धन नहीं होता है, साथ ही यह पारदर्शी भी नहीं है। दूसरी ओर नई प्रणली में दानदाताओं को चेक के जरिए पूरी तरह पारदर्शी तरीके से धन देने का विकल्प है और वे चुनावी बांड के जरिए ऑनलाइन लेन-देन भी कर सकते हैं।

हालांकि, वित्तमंत्री ने कहा कि किसी राजनीतिक दल को दिए गए चंदे की जानकारी सिर्फ दानदाता तक सीमित होगी। वहीं, विपक्ष इस दावे से सहमत नहीं हैं।

कांग्रेस ने कहा कि दानदाता का नाम छिपाना एक प्रतिगामी कदम है। कांग्रेस ने इस बात की चिंता जाहिर की है कि इस तरीके से पारदर्शिता नहीं रहेगी और सत्ताधारी दल को सूचनाओं का गलत इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। साथ ही, सरकारी तंत्र दानदाताओं पर बल प्रयोग कर सकता है।

वित्तमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले धन के शोधन के लिए सरकार सभी सुझावों पर विचार करने को इच्छुक है, लेकिन अव्यवहारिक सुझावों से फायदा नहीं मिलेगा।

Continue Reading

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

Continue Reading

Trending