नेशनल
पुलिस की इजाजत के बगैर दिल्ली में मेवानी की रैली
नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| गुजरात के विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवानी के एक विरोध जुलूस कार्यक्रम को पुलिस द्वारा इजाजत नहीं दिए जाने के बावजूद मंगलवार को सैकड़ों लोग दिल्ली के संसद मार्ग पर एकत्रित हुए। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए संसद मार्ग पर अवरोध लगाए गए हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने संवाददाताओंसे कहा, किसी को भी (रैली आयोजित करने के लिए) इजाजत नहीं दी गई है।
चौधरी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश का हवाला दिया जिसमें मध्य दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा, हमने आयोजकों को किसी अन्य स्थान पर जैसे रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है।
मेवानी ने गुरुवार को कहा था कि वह व उनके समर्थक मंगलवार को जंतर मंतर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक जुलूस निकालेंगे।
गुजरात के विधायक ने प्रदर्शन के लिए इजाजत से इनकार करने पर पुलिस व केंद्र सरकार की निंदा की।
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले मेवानी ने संवाददाताओं से कहा, एक चुने गए प्रतिनिधि को बोलने की अनुमति नहीं है..यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे थे। लेकिन सरकार हमें निशाना बना रही है।
अधिकारियों के अनुसार, आंसू गैस के लांचर व पानी की बौछारों के लिए पाइपों से लैस 1,500 सुरक्षा कर्मियों को कनाट प्लेस से संसद भवन को जोड़ने वाले संसद मार्ग पर तैनात किया गया है।
असम के आरटीआई व किसान अधिकार कार्यकर्ता अखिल गोगोई के भी रैली को संबोधित करने की उम्मीद है। गोगोई शिक्षा का अधिकार, बेरोजगारी व लैंगिक व समाजिक न्याय पर अपनी बात रखेंगे।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
Success Story3 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
-
ऑफ़बीट3 days ago
आ गई आईपीएल की डेट, 14 मार्च को पहला मैच, जानें कब खेला जाएगा फाइनल
-
नेशनल2 days ago
संजय राउत को महाराष्ट्र के नतीजे मंजूर नहीं, कहा- ये कैसा लोकतंत्र है, प्रदेश की जनता के साथ हुई बेईमानी
-
बिजनेस3 days ago
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई