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ICJ दीपक मिश्रा के खिलाफ खड़े हुए उनके अपने ही साथी, व्यवस्था पर उठाया सवाल

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भारतीय न्यायिक इतिहास में एक अभूतपूर्व और असाधारण घटना के तहत सर्वोच्च न्यायालय के चार सेवारत न्यायाधीशों ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया और आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठता के आधार पर दूसरे नंबर के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर के आवास पर जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में न्यायाधीशों ने कहा, “यह भारतीय न्याय व्यवस्था, खासकर देश के इतिहास और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के लिए एक असाधारण घटना है। हमें इसमें कोई खुशी नहीं है जो हम यह कदम उठाने पर मजबूर हुए हैं।”

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उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय की प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में ऐसा बहुत कुछ हुआ है, जो नहीं होना चाहिए था। देश और संस्थान के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। हमने प्रधान न्यायाधीश को संयुक्त रूप से समझाने की कोशिश की कि कुछ चीजें ठीक नहीं हैं और तत्काल उपचार की आवश्यकता है।”

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, “दुर्भाग्यवश इस संस्थान को बचाने के कदम उठाने के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश को राजी करने की हमारी कोशिश विफल साबित हुई है।”

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर की मौजूदगी में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि हम चारों इस बात से सहमत हैं कि “लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए निष्पक्ष न्यायाधीश और न्याय प्रणाली की जरूरत है।”

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उन्होंने कहा, “हम चारों इस बात से सहमत हैं कि जबतक इस संस्थान को इसकी आवश्यकताओं के अनुरूप बचाया और बनाए नहीं रखा जाएगा, इस देश का लोकतंत्र या किसी भी देश का लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह सकता। किसी लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए, ऐसा कहा गया है.. किसी लोकतंत्र की कसौटी स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायाधीश होते हैं।”

न्यायमूर्ति चेलेमेश्वर ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वे लोग किस चीज से नाराज हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि मीडिया में बहुत सारी चीजें लिखी जा चुकी हैं और यह कोई राजनीति विवाद नहीं है।

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उन्होंने कहा, “चूंकि हमारे सभी प्रयास विफल हो गए..यहां तक कि आज सुबह भी एक खास मुद्दे पर हम चारों एक खास अनुरोध के लिए प्रधान न्यायाधीश से मुलाकात करने गए। दुर्भाग्यवश हम उन्हें नहीं समझा नहीं सके। इसके बाद इस संस्थान बचाने का इस देश से आग्रह करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं रह गया।”

उन्होंने कहा, “हमने ढेर सारे बुद्धिमानों को इस बारे में बातें करते सुना है..लेकिन मैं नहीं चाहता कि कुछ बुद्धिमान आज के 20 वर्ष बाद हमसे भी कहें कि हम चारों न्यायाधीशों ने संस्थान और देश की हिफाजत करने के बदले अपनी आत्मा को बेच दिया। हमने इसे जनता के समक्ष रख दिया है। हम यही कहना चाहते थे।”Related image
आखिर वास्तव में मुद्दा क्या है? न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, “कुछ महीने पहले, हम चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रधान न्यायाधीश को एक हस्ताक्षरित पत्र लिखा था। हम एक विशेष चीज के बारे में चाहते थे कि उसे विशेष तरीके से किया जाए। यह हुआ, लेकिन इससे कई सवाल भी खड़े हुए।” न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा वे लोग “देश के प्रति अपना कर्ज उतार रहे हैं।”

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नेशनल

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे जारी, अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने दर्ज की जीत

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2024 के नतीजे आज यानी 25 नवंबर 2024 को घोषित कर दिए गए हैं। मतगणना नॉर्थ कैंपस के कॉन्फ्रेंस रूम में शुरू हुई थी ,जो अब खत्म हो चुकी है। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव इन चार पदों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला। बता दें कि डूसू चुनाव 27 सितंबर को हुए थे, जिसमें 1.45 लाख योग्य उम्मीदवारों ने चुनाव में भाग लिया था।

रौनक खत्री बने नए अध्यक्ष

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में दो सीटों पर NSUI और दो सीटों पर ABVP ने जीत दर्ज की। अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर NSUI तो उपाध्यक्ष और सचिव पद पर ABVP ने जीत दर्ज की है। अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने जीत दर्ज की, जबकि उपाध्यक्ष पद पर ABVP के प्रत्याशी भानू प्रताप जीते। तो वहीं, सचिव पद पर ABVP के मृत्रवृंदा ने जीत दर्ज की, इसके अलावा, संयुक्त सचिव पद पर NSUI लोकेश ने जीत दर्ज की हैष।

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