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‘पीपली लाइव’ के सह-निर्माता को दुष्कर्म मामले में बरी करने का फैसला बरकरार
नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने कथित दुष्कर्म मामले में फिल्म ‘पीपली लाइव’ के सह-निर्माता महमूद फारूकी को बरी किए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को शुक्रवार को बरकरार रखा और उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर शिकायतकर्ता की याचिका खारिज कर दी। फारूकी पर एक अमेरिकी महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि ‘इस मामले में फैसला बहुत अच्छी तरह से दिया गया है और इसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।’
फारूकी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक शोधार्थी का यौन शोषण करने के आरोप में उन्हें सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।
उन्हें निचली अदालत ने अगस्त 2016 में दोषी करार दिया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 सितम्बर 2017 को पीपली लाइव के सह निर्देशक को मामले में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
दुष्कर्म के आरोपों से बरी करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था, इसमें संदेह है कि पीड़ित द्वारा बताई जा रही घटना वास्तव में हुई थी और यदि यह हुई तो क्या यह पीड़ित के बगैर सहमति के हुई और अगर यह बिना सहमति के हुई तो क्या यह बात अपीलार्थी भी समझती थी।
दिल्ली में 2014 के दौरान अमेरिकी महिला फारूकी के संपर्क में आई थी। वह गोरखपुर में अपने शोधकार्य के लिए संपर्को की तलाश में थी।
महिला का आरोप था कि कथित तौर पर यह घटना फारूकी द्वारा उसे अपने घर पर रात्रि के भोजन पर बुलाए जाने के दौरान 28 मार्च 2015 को हुई थी।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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