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नेशनल

असम : विरोध प्रदर्शन के बीच 1100 से अधिक यात्री फंसे

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गुवाहाटी, 27 जनवरी (आईएएनएस)| असम के दीमा हसाओ जिले में पुलिस गोलीबारी घायल दो लोगों की शुक्रवार को मौत हो जाने के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी जारी है, जिसके कारण हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर कम से कम 1,100 यात्री फंस गए हैं। मैबोंग और उससे सटे कुछ इलाकों में कर्फ्यू जारी है।

दीमा हसाओ के उपायुक्त देवा ज्योति हजारिका ने कहा कि प्रदर्शकारियों ने रेल पटरियां क्षतिग्रस्त कर दी हैं, जिसके कारण स्टेशन पर फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचाया जा सका है।

आंदोलनकारी संगठनों ने गुरुवार को पुलिस गोलीबारी के बाद शुक्रवार से 48 घंटे के ‘बंद’ का आवाह्न किया था। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को गुवाहाटी जाने वाली सिलचर-गुवाहाटी तेज पैसेंजर रेलगाड़ी को न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर रोक लिया। उसके बाद से ही सारे यात्री वहीं फंसे हुए हैं।

हजारिका ने आईएएनएस को बताया, स्टेशन पर लगभग 1,100 यात्री फंसे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरी को कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त कर दिया है और फिश प्लेट (पटरियों को जोड़ने के लिए लगाई जाने वाली छड़) निकाल दी है। इनकी मरम्मत कर रेलसेवा दोबारा शुरू करने में समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि स्टेशन पर फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 25 बसों के लिए आग्रह किया है। प्रदर्शनकारियों ने बसों को हालांकि न्यू हाफलोंग नहीं आने दिया।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने यात्रियों के लिए भोजन, पेयजल, दवाइयां और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा कि फंसे हुए यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

हजारिका ने कहा कि मैबोंग में कर्फ्यू जारी है। हमने शनिवार को अपराह्न् दो बजे से चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी है।

उन्होंने कहा कि हिंसा की कोई खबर नहीं है, लेकिन कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन होने की सूचना मिली है।

केंद्र सरकार द्वारा जिले में नागा साधुओं के लिए एक परिषद का गठन करने की अफवाह उड़ने के बाद कुछ संगठन लगभग एक सप्ताह से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

मैबोंग में आंदोलनकारियों ने सुरक्षा बलों और रेलवे स्टेशन पर हमला कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर कर दिया था। इस झड़प में नौ आंदोलनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

गोलीबारी में घायल हुए दो आंदोलनकारियों की शुक्रवार को मौत होने के बाद आंदोलन और उग्र हो गया था।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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