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ऑफ़बीट

आसमान में मिले धरती के भगवान, कराया बच्चे का जन्म

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न्यूयॉर्क। आजतक आपने बहुत सारी अजीबोगरीब खबरें सुनी या देखी होगी लेकिन आज जो खबर हम आपको सुनाने जा रहे हैं वो न सिर्फ चौंका देने वाली है बल्कि आपको हैरान भी कर देगी। जी हां दरअसल, पेरिस से न्यूयॉर्क जा रही ट्रांस अटलांटिक फ्लाइट में एक भारतीय डॉक्टर ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बाद पूरा देश उन्हें शाबाशी दे रहा है।

यहां एक  भारतीय डॉक्टर सिज हेमल ने उड़ते विमान में एक महिला के प्रसव में मदद कर बच्चे का सकुशल जन्म कराया। बता दें कि जिस वक्त डॉक्टर महिला का ऑपरेशन कर रहे थे उस वक़्त फ्लाइट 35 हजार फीट की ऊंचाई पर थी।

हेमल दिल्ली से पेरिस के रास्ते अमेरिका जा रहे थे। वह अमेरिका के क्लीवलैंड स्थित क्लीनिक्स ग्लिकमैन यूरोलॉजिकल एंड किडनी इंस्टीट्यूट के यूरोलॉजी विभाग (किडनी और मूत्र संबंधी) में दूसरे वर्ष के छात्र हैं। यात्रा के दौरान विमान कर्मी ने घोषणा की कि 41 वर्षीय एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है।

विमान में कोई डॉक्टर उपस्थित हो तो उनकी मदद करें।

यह सुनकर हेमल और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्टीफन आर्टोलान आगे आए। दोनों ने महिला के प्रसव में मदद की। हेमल ने कहा, ‘विमान को उतारना उस वक्त नामुमकिन था इसलिए हमने उसका वहीं प्रसव कराया। इसके बाद हेमल ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं पहली बार फ‌र्स्ट क्लास में यात्रा कर रहा था।

यह बात बताकर मैं अपने माता-पिता को हैरान करना चाहता था। तभी मुझे इस अद्भुत अनुभव से गुजरने का मौका मिला जिसे मैं जिंदगी भर याद रखूंगा।’ एयर फ्रांस ने इस नेक काम में मदद के लिए हेमल को एक मुफ्त यात्रा टिकट और शैंपेन की बोतल भेंट की। बच्चे की गर्भनाल काटने और बांधने के लिए हेमल ने जूते के फीते का इस्तेमाल किया।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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