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संघ का ‘फीडबैक’ भांप शिवराज कर्मचारियों पर मेहबान
भोपाल, 5 फरवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी की स्थिति के आकलन का काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुरू कर दिया है।
इसकी शुरुआती रिपोर्टों ने साफ कर दिया है कि दोनों राज्यों में कर्मचारी वर्ग सरकार से बहुत नाराज है, लिहाजा उनकी जायज मांगें पूरी की जाए।
आरएसएस की रिपोर्टों पर गंभीरता दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनन-फानन में अध्यापकों और पंचायत सचिवों की मांगें मान ली हैं। आने वाले दिनों में ऐसा ही कुछ पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सरकार भी कर सकती है।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकारें हैं। वर्तमान दौर में या यूं कहें कि चुनावी वर्ष में इन सरकारों के खिलाफ कई तरह के आंदोलन चल रहे हैं, उनमें किसान और कर्मचारी प्रमुख हैं। बढ़ते असंतोष की वजह जानने के लिए संघ ने अपने विश्वस्त कार्यकर्ताओं को गांव-गांव भेजा है। ये कार्यकर्ता लोगों से सीधे संवाद कर जमीनी हकीकत का पता लगा रहे हैं। शुरुआती दौर में कर्मचारियों की नाराजगी सामने आई है।
संघ के एक सेवानिवृत्त पूर्णकालिक कार्यकर्ता ने आईएएनएस से कहा, संघ ने शिवराज को पिछले दिनों साफ निर्देश दिए थे कि कर्मचारियों के हित में जो कदम उठाए जा सकते हैं, वे जल्दी उठाए जाएं। उसी के बाद चौहान ने अध्यापकों की कई मांगों को माना और उसके बाद पंचायत सचिवों को कई सौगातें दे डालीं। ये दोनों ऐसे वर्ग हैं, जिनका ग्रामीण इलाकों से वास्ता है और सरकार के पक्ष व विपक्ष में माहौल बनाना इनके साथ में है।
संघ के सूत्रों की मानें तो जमीनी हकीकत जानने के काम में ज्यादातर उन कर्मचारियों या सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लगाया गया है, जो संघ की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। जो कर्मचारी सेवा में हैं, वे अपने कार्यालय आने वाले लोगों से वर्तमान सरकार व विधायक के कामकाज पर चर्चा करते हैं, साथ ही कांग्रेस को लेकर भी सवाल करते हैं, और अपना निष्कर्ष निकालते हैं।
इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जिम्मे बसों या ट्रनों में यात्रा करते समय राजनीतिक चर्चा छेड़ना, चाय-नाश्ते की दुकान पर चर्चा कर हालात को भांपने की जिम्मेदारी है।
इसी काम में लगे एक कार्यकर्ता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि अभी तक दोनों राज्यों से जो फीडबैक आया है, वह भाजपा और संघ को राहत देने वाला नहीं है। कर्मचारियों का असंतोष चरम पर है। वे अपनी मांगों के लिए कई वर्षो से संघर्ष कर रहे हैं, मगर उन्हें अब तक कोरे आश्वासन ही मिले हैं। संघ ने इस स्थिति से शिवराज और रमन सिंह को अवगत कराया। उसी के बाद शिवराज ने कर्मचारियों के हित में कई घोषणाएं की हैं। आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह की घोषणाएं संभव हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के लगभग डेढ़ माह की अवधि में राज्य के तीन स्थानों- उज्जैन, विदिशा और बैतूल में तीन से पांच दिनों के प्रवास को भी राजनीति के जानकार संघ के सदस्यों को सक्रिय किए जाने के तौर पर देखते हैं। उनका मानना है कि गुजरात के चुनाव और राजस्थान के उपचुनावों में भाजपा को ग्रामीण इलाकों में ज्यादा हार मिली है, लिहाजा, संघ का ध्यान अब गांवों पर है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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