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दिल्ली-एनसीआर में हर साल जमा होता है 5,900 टन मेडिकल कचरा : एसोचैम

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नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)| दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में हर साल 5,900 टन मेडिकल कचरा जमा होता है। यह आंकड़ा उद्योग संगठन एसोचैम के एक सर्वेक्षण में उजागर हुआ है।

एसोचैम के सर्वेक्षण में बताया गया है कि ज्यादातर मेडिकल कचरे असंसाधित होते हैं और महानगर के कचरे में फेंक दिए जाते हैं। इससे स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा होता है।

सर्वेक्षण के मुताबिक, सिर्फ दिल्ली और एनसीआर में तकरीबन 5,900 टन बायो मेडिकल कचरा सालाना पैदा होता है जिसमें दिल्ला का हिस्सा करीब 2,200 टन है।

एसोचैम के सर्वेक्षण के अनुसार, एनसीआर के अंतर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 1,200 टन बायो मेडिकल कचरा सालाना निकलता है और गुरुगाम में 1,100 टन जबकि गाजियाबाद में 800 टन मेडिकल कचरा पैदा होता है। फरीदाबाद में सालाना 600 टन मेडिकल कचरा पैदा होता है।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, अस्पताल के कचरे का उचित ढंग से निपटान नहीं होने से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। राज्य सरकार की ओर से तय नीतिगत दिशानिर्देशों में कचरे को निपटान होना चाहिए।

उन्होंने कहा, सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, पिछले दस साल से राजधानी में करीब 200 टन मेडिकल कचरा रोज पैदा हो रहा है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब 65 फीसदी कचरा खतरनाक नहीं है। लेकिन सामान्य कचरे में खतरनाक खचरों के मिल जाने से सब दूषित हो जाता है इन चीजों के संपर्क मे आने से संक्रामक रोग का खतरा पैदा होता है।

रावत ने कहा, असंसाधित कचरों से हमेशा जनस्वास्थ्य को खतरा पैदा होता है। इससे एड्स, हेपेटाइटिस बी व सी, आंतों का संक्रमण, सांस रोग, रक्त संक्रमण, चर्म रोग का खतरा पैदा हो सकता है।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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