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राहुल क्यों बोले, पीछे का शीशा देखकर गाड़ी चलाकर रहे पीएम मोदी

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होसपेट (कर्नाटक)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए शनिवार को कहा कि मोदी की पश्चगामी सोच के कारण ही नोटबंदी के कदम उठाए गए। उन्होंने कहा, “देश अतीत के बारे में नहीं सुनना चाहता है, बल्कि यह भविष्य की चिंता करता है। नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो पीछे का शीशा देखकर गाड़ी चलाते हैं और इसी के चलते एक्सीडेंट होंगे।”

प्रधानमंत्री ने संसद में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था यह पार्टी देश को पुराने घोटाले के दौर में ले जाना चाहती है। राहुल कर्नाटक के बेल्लारी जिला स्थित होसपेट में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में संसद में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस और भारत के अतीत के बारे बोलना पसंद किया और वह देश के युवाओं, किसानों व मजदूरों के भविष्य के बारे में नहीं बोले। राहुल ने जोर देकर कहा कि मोदी की पश्चगामी सोच के कारण ही विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फैसले लिए गए। उन्होंने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा है।

दक्षिण भारतीय प्रांत कर्नाटक में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व बतौर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदेश के अपने पहले दौरे के साथ राहुल ने बेल्लारी से पार्टी के चुनावी अभियान का आगाज किया। बेल्लारी लोकसभा चुनाव में उनकी मां व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 1999 में भारतीय जनता पार्टी की नेता सुषमा स्वराज को शिकस्त दी थी।

जनसभा में प्रदेश के विभन्न भागों से हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता व अन्य लोग राहुल का भाषण सुनने पहुंचे थे। राहुल ने हिंदी में दिए अपने 40 मिनट के भाषण में बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा, “बेरोजगारी और किसानों का संकट देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। दलितों पर अत्याचार बढ़ गए हैं, लेकिन संसद में उन्होंने (मोदी) अपने पूरे भाषण में इन मसलों पर एक शब्द भी नहीं बोला।” प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष गुंडू राव ने उनके भाषण को साथ-साथ कन्नड़ में अनुवाद किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार हर साल देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरियां देने का वादा पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से सीखने को कहा, जिन्होंने किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया और उनका कर्ज माफ कर अपने वादे निभाए।”

राहुल ने भाजपा को झूठे लोगों की सरकार बताया और लोगों से उस पार्टी पर भरोसा नहीं करने को कहा, जो झूठे वादे करती है। उन्होंने भाजपा पर फ्रांस से राफेल लड़ाकू जेट विमान की खरीद में भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को राफेल की पहली संविदा मिली थी, लेकिन अब मोदी ने इस अपने दोस्त को दे दिया है।”

पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस लड़ाकू विमान सौदे के मसले पर भाजपा पर हमले कर रही है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को पिछले सप्ताह बताया था कि राफेल सौद के विवरणों का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें गोपनीय सूचनाएं हैं।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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