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नेशनल

मेडिकल कंसल्टिंग एप ‘ट्रस्टडॉक डॉट इन’ को ‘इनोवेटिव आइडिया ऑफ द इयर’ पुरस्कार

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नई दिल्ली, 29 मार्च, (आईएएनएस)| भारत के पहले तकनीक आधारित सरकारी सेवानिवृत्त सुपर-स्पेशलिस्ट और चिकित्सकीय सलाह मंच ‘ट्रस्टडॉक डॉट इन’ ने एलेट्स हेल्थकेयर और वेलनेस शिखर सम्मेलन, 2018 में ‘इनोवेटिव आइडिया ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार हासिल किया है। जटिल बीमारियों से जूझ रहे मरीज ट्रस्टडॉक डॉट इन की सहायता से देश के सर्वश्रेष्ठ सरकारी अस्पतालों में सेवा दे चुके विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। ट्रस्टडॉक में 100 से अधिक सरकारी सेवानिवृत्त वरिष्ठ डॉक्टर हैं। इनमें से हर डॉक्टर से 9999-668-222 पर कॉल करके या 56677 पर ट्रस्टडॉक को एसएमएस कर या ऑनलाइन पोर्टल ट्रस्टडॉक डॉट इन पर ईमेल कर संपर्क किया जा सकता है।

ट्रस्टडॉक डॉट इन एक इंटीग्रेटेड टर्शियरी केयर इकोसिस्टम ‘इंडियावर्चुअलहॉस्पीटल डॉट कॉम’ का एक विशेष कार्यक्रम है। इंडिया वर्चुअल हॉस्पिटल एक डिजिटल वेब और मोबाइल आधारित प्लेटफॉर्म है जो आम लोगों की सभी स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा आवश्यकताओं की देखभाल करता है। यह पोर्टल डॉक्टरों, हेल्थकेयर प्रोफेशनल और मरीजों को निर्देशित करने के लिए बेहद विश्वसनीय है। इंडिया वर्चुअल हॉस्पिटल की टीम को चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल के लिए रोगियों को सहारा देने और सहायता करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

इस अवसर पर, इंडिया वर्चुअल हॉस्पिटल के चीफ बिलीफ ऑफिसर स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा, हम इस पुरस्कार को प्राप्त कर बहुत खुश हैं। जब किसी रोगी को अंग प्रत्यारोपण, कैंसर सर्जरी, बाईपास जैसी सर्जिकल प्रक्रिया या ऑपरेशन के लिए कहा जाता है और चूंकि ये प्रक्रियाएं काफी जोखिम भरी होती है, इसलिए रोगी और परिवार के सदस्यों के पास निदान, उपचार के तौर-तरीकों, इनके लाभ और दुष्प्रभाव, रोगी के ठीक होने की संभावना और इसी तरह के कई सवाल होते हैं।

ट्रस्ट डॉक इन उन अनुभवी डॉक्टरों की टीम से राय लेकर उन सभी समस्याओं का समाधान करता है जो एम्स, पीजीआई, सफदरजंग, आम्र्ड फोर्सेस आदि जैसे सुपर स्पेशियलिस्ट अस्पतालों से सेवानिवृत्त हुए हैं। ट्रस्ट डॉक की पूरी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी संचालित है जिसके कारण उन्हें किसी वरिष्ठ डॉक्टर से राय लेने के लिए किसी अन्य शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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