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कर्नाटक मामले के बाद, चुनाव आयोग की ‘निष्पक्षता’ में विश्वास खत्म : शिवसेना
मुंबई, 29 मार्च (आईएएनएस)| सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी शिवसेना ने गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा की तारीख कथित रूप से आधिकारिक घोषणा के पहले ही लीक हो जाने के बाद चुनाव आयोग की ‘निष्पक्षता’ पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) विवाद के बाद देश ने चुनाव आयोग पर पहले ही विश्वास खो दिया था। कर्नाटक प्रकरण के बाद, चुनाव आयोग पर बचा-खुचा विश्वास भी समाप्त हो गया।
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में संपादकीय में कहा, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के किसी अमित मालवीय ने कर्नाटक चुनाव की तारीख की घोषणा पहले ही कर चुनाव आयोग के उस संवाददाता सम्मेलन की हवा निकाल दी जिसमें तारीख की आधिकारिक रूप से घोषणा होनी थी।
संपादकीय के अनुसार, जब टी. एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त थे, उन्होंने दिखाया था कि चुनाव आयोग के पास ‘रीढ़’ है। लेकिन, इनके पहले और इनके बाद ‘रीढ़ की हड्डी’ का अभाव दिखा।
शिवसेना ने कहा, इसके पीछे वजह यह है कि जो चुनाव आयोग के प्रमुख होते हैं, वह राजनीति में शामिल हो जाते हैं, राज्यसभा के लिए चुने जाते हैं, मंत्री या राज्यपाल बन जाते हैं। इसी तरह का मामला सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों के प्रधान-मुख्य न्यायाधीशों के साथ है।
शिवसेना ने कहा, निष्पक्षता का कोई लक्षण नहीं है। किसी हैसियत में रहने के दौरान ‘पैमाने बदलने के लिए’ इनाम दिए जाते हैं। चुनाव आयोग से लेकर अब न्यायालयों तक, उन लोगों पर संदेह उठते हैं जिनकी नियुक्ति होती है, खासकर एक खास राज्य के उम्मीदवारों पर। यह देश में ईमानदारी के लिए घातक है।
शिवसेना ने लिखा है, जब से यह सरकार आई है, इसने बिना किसी क्षमता वाले अपनी मानसिकता के लोगों को देश के कानून प्रशासन, शिक्षा और चुनाव विभागों पर थोपा है जिससे इनकी साख की दुर्गति बन गई है।
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दिल्ली के बंटी-बबली नागपुर से 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार, नागपुर पुलिस के चढ़े हत्थे
नागपुर। नागपुर पुलिस ने बंटी-बबली जोड़ी को गिरफ्तार किया है। ये कंप्यूटर वर्क की दुकान खोलने के बहाने लगभग 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार हो गए। दिल्ली के रहवासी बंटी-बबली को नागपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और नागपुर लेकर आई। आरोपी पवन कुमार और अनीता शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। यह दोनों मित्र है, जो कई वर्षों से ठगी में लिप्त हैं।
पहले लिए 18 पुराने लैपटॉप
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने नागपुर के बजाज नगर में किराए का मकान लिया। इसके बाद किराए पर दुकान लिया। इन लोगों ने एक बिजनेसमैन से पहले 18 पुराने लैपटॉप लिए और फिर 28 नए लैपटॉप ऑर्डर किए। उन्होंने व्यवसायी को तत्काल भुगतान का वादा किया और चले गए। तत्काल भुगतान का वादा करने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए।
DCP लोहीत मतानी ने बताया कि,
लैपटॉप मिलने के बाद तुरंत ये लोग फरार हो गए। इन दोनों आरोपियों ने लैपटॉप के डीलर से कहा कि अगले दिन पैसे का भुगतान कर देंगे। लैपटॉप डीलर को दोनों ने बताया था कि यहां पर यह कंपनी चालू करने जा रहे हैं, इसके लिए नए लैपटॉप की जरूरत है। पुलिस ने अब तक सिर्फ 6 लैपटॉप जप्त किया है। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को लैपटॉप बेच दिए हैं। पुलिस अब उन जगहों पर जाकर बाकी लैपटॉप जप्त करेगी।
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