Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

एससी-एसटी एक्ट विवाद : माया ने बीजेपी पर साधा निशाना, ममता ने की शांति अपील

Published

on

Loading

लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री एवं सुप्रीमो मायावती ने सोमवार 2 अप्रैल को कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों से जो अधिकार पिछड़े और दलित वर्ग को मिले हैं, बीजेपी उन्हें छीनना चाहती है। मायावती ने हालांकि प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को नाजायज ठहराया है। बसपा प्रमुख ने भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “बसपा आंदोलन का समर्थन करती है, लेकिन इस दौरान हुई हिंसा को जायज नहीं ठहराती।”

उन्होंने कहा कि कुछ जातिवादी लोग दलित और पिछड़े लोगों की आड़ में इस आंदोलन को हिंसक बना रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

उन्होंने पीएम मोदी पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क का ही परिणाम है कि आज लोग सड़क पर उतरे हैं। सरकार की इन नीतियों के चलते दलितों और आदिवासियों में गुस्सा है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “आरक्षण खत्म करने के लिए भाजपा सरकार सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन करती जा रही है, इसीलिए हम प्राइवेट संस्थानों में भी दलित और पिछड़ों को आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं।”

ज्ञात हो कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे देश में दलित संगठनों द्वारा सोमवार को भारत बंद का आयोजन किया गया। इसका व्यापक असर पूरे देश में देखने को मिला है।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश भर में दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान फैली हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) समुदायों का समर्थन करते हुए उनसे शांति की अपील की। ममता ने ट्वीट करते हुए कहा, “हम आशंकित और दुखी हैं कि मेरे कुछ दलित भाई और बहन मारे गए हैं और घायल हुए हैं। इस मुद्दे पर हम उनके साथ हैं। मैं शांति की अपील करती हूं।

पंजाब, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, यूपी, उत्तराखंड, बिहार और ओडिशा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ है। हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद सामान्य जनजीवन रुक सा गया है।

एमपी में हालात बहुत ही खराब हैं जहां तीन लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इस कारण प्रशासन को कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा है। केंद्र सरकार ने आक्रोशित दलितों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें न्यायालय से 20 मार्च के आदेश की समीक्षा करने के लिए आग्रह किया गया है।

नेशनल

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

Continue Reading

Trending