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खेल-कूद

जब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का हिस्सा बने थे सचिन तेंदुलकर

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भारतीय किक्रेट को अपार सफलता दिलाने का मुख्य श्रेय सचिन तेंदुलकर को दिया जाता है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के पास है। लेकिन क्या अाप को पता है कि भारतीय क्रिकेट में अपने करियर की शुरूआत से पहले सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं।

सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’  में इस दिलचस्प किस्से का ज़िक्र भी किया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने करियर की शुरूआत से लगभग ढाई साल पहले सचिन को भारत के खिलाफ खेलने का मौका पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने दिया था। 20 जनवरी वर्ष 1987 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर आई हुई थी। दोनो देशों की क्रिकेट सारीज़ शुरू होने से पहले एक अभ्यास मैच रखा गया था। मुंबई में हो रहे इस मैच में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम और क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया आमने -सामने थी।

सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’

 
प्रैक्टिस मैच का आखिरी घंटा चल रहा था, तब पाकिस्तान के दो सीनियर खिलाड़ी जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर आराम करने वापस होटल चले गए। टीम में खिलाड़ियों की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के कप्तान इमरान ख़ान ने क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया के कप्तान हेमंत केंकरे से दो – तीन फील्डर खिलाड़ियों की मांग की। तभी हेमंत केंकरे ने बॉउंड्री वॉल के पास टहल रहे दो लड़कों को आवाज़ दे कर बुलाया। ये दो लड़के थे ( सचिन तेंडुलकर और खुशरू वसानिया) । सचिन उस समय सिर्फ 13 साल के थे। सचिन ने हेमंत के पूछने के बाद उनसे मराठी में बोला कि ” मी जाऊ का ” ?  यानि कि मैं जाऊं ?

बतौर फील्डर पाकिस्तान के लिए खेल चुके हैं सचिन।

इसके बाद क्या था, जब तक हेमंत केंकरे उन्हें मैैदान में भेजते, उससे पहले सचिन ग्राउंड पर पहुंच गए थे। अभ्यास मैच में अगले आधे घंटे तक सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के लिए फील्डिंग की। उस मैच के दौरान एक पल ऐसा भी आया, जब सचिन के पास कपिल देव का कैच आया। अपनी किताब में मास्टर-ब्लास्टर ने यह लिखा है कि मैं उस कैच को पकड़ने के लिए खूब दौड़ा था, लेकिन बॉल मुझसे थोड़ी दूर दी, और मैं कैच नहीं पकड़ पाया। सचिन ने बाद में साथी खिलाड़ियों से अफसोस जताते हुए यह भी कहा कि मुझे वो कैच पकड़ लेना चाहिए था।

इस प्रैक्टिस मैच के दो साल बाद सचिन ने 15 नवंबर 1989 में क्रिकेट करियर की शुरूआत की। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उने भारत का सर्वोच्च पुरस्कार ‘ भारत रत्न ‘ से सम्मानित भी किया। सचिन को आज भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए खेले गए वो आधे घंटे, एक-एक बॉल पर क्या-क्या हुआ, सब याद है। वो आज भी कई मंचों पर इस वाकिये का ज़िक्र ज़रूर करते हैं।

खेल-कूद

ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टी20 मुकाबले में भी पाकिस्तान को पीटा

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नई दिल्ली। जिसकी उम्मीद थी ठीक वैसा ही हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टी20 मुकाबले में भी पाकिस्तान को पीट दिया और पाकिस्तान का सीरीज में सूपड़ा साफ किया। हालांकि इससे पहले जब वनडे सीरीज खेली गई थी, तब पाकिस्तान ने सीरीज पर कब्जा किया था। लेकिन टी20 इंटरनेशनल सीरीज में उसकी एक नहीं चली। तीसरे मैच को जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड का एक बड़ा कीर्तिमान ध्वस्त कर दिया है। पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार हराती चली जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया

तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हरा दिया है। ये ऑस्ट्रेलिया की पाकिस्तान पर इस फॉर्मेट में लगातार सातवीं जीत है। इससे पहले कोई भी टीम पाकिस्तान को लगातार इतने मैचों में नहीं हरा पाई थी। साल 2023 से लेकर 2024 तक न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को छह लगातार मैचों में मात दी थी। जहां तक बात ऑस्ट्रेलिया की करें तो उसने पाकिस्तान से साल 2019 से अब तक एक भी मैच नहीं हारा है और इस सीरीज में भी विरोधी टीम का सूपड़ा साफ कर दिया है।

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