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नेशनल

विजया मेहता को मिलेगा मेटा 2018 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| महिंद्रा एक्सिलेंस इन थिएटर अवार्डस (मेटा) महोत्सव 2018 ने मंगलवार को एक प्रमुख प्रयोगात्मक मराठी नाटककार विजया मेहता को मेटा 2018 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देने की घोषणा की है। पुरस्कारों के 13वें संस्करण के लिए जूरी के सदस्यों की भी घोषणा की गई, जिसमें प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व अध्यक्ष अमल आलाना, फिल्म-थिएटर अभिनेत्री और थिएटर निर्देशक लिलेट दुबे, थिएटर निर्देशक और पंजाब विश्वविद्यालय में थिएटर की प्रोफेसर नीलम मान सिंह चौधरी, फिल्म निर्माता व अभिनेता रजत कपूर आदि शामिल हैं।

दिल्ली के कामानी ऑडिटोरियम एवं श्री राम सेंटर में 13 से 18 अप्रैल तक होने वाले महिंद्रा एक्सलेंस थिएटर अवार्डस (मेटा) की घोषणा एक सप्ताह पहले कर दी गई है। महोत्सव में जूरी सदस्यों के साथ-साथ थिएटर प्रेमियों के लिए दस चयनित नाटकों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। मेटा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के अलावा प्रतियोगी श्रेणियों में भी पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

इस वर्ष मेटा में 330 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिसकी समीक्षा एक प्रतिष्ठित चयन समिति द्वारा की गई थी। इसमें थिएटर जगत की प्रसिद्ध हस्तियां शामिल थीं।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए नामित विजया मेहता एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म और थिएटर निर्देशक व अभिनेत्री हैं, जिन्हें समानांतर सिनेमा के साथ उनके सहयोग के लिए जाना जाता है। उन्होंने दिल्ली में आदी मर्जबान और इब्राहिम अल्काजी के साथ थिएटर किया। उन्हें निर्देशन में उत्कृष्टता के लिए 1975 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1986 में उन्होंने ‘राव साहब’ में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सांस्कृतिक विस्तार के प्रमुख जय शाह ने कहा, मेटा नाटकीय प्रतिभा की पहचान के लिए भारत का सबसे स्पष्ट मंच है। एक दशक से भी अधिक समय से यह देश भर से थिएटर प्रस्तुतियों का सबसे अच्छा संयोजन लाता रहा है। इस कला क्षेत्र में कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें महिंद्रा ग्रुप मेटा के रूप में प्रत्येक वर्ष सामने लाता रहा है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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