नेशनल
जलियांवाला बाग की इन दीवारों पर गोलियों के निशान को देख आप कांप जाएंगे, यहां जनरल डायर का कहर बरपा था
इस तस्वीर में एक व्यक्ति अपने साथी को यह बता रहा है कि इस दीवार पर जो गोलियों के निशान हैं वो एक अंग्रेज जनरल रेगिनाल्ड डायर के आदेश पर जलियांवाला बाग में उसके मातहत सिपाहियों ने निहत्थी भीड़ पर चलाई थी। आज जलियांवाला बाग हत्याकांड की 99वीं बरसी है।
अगर आप से पूछा जाए कि विश्व इतिहास की सबसे क्रूरतम घटना कौन सी है तो आप बिना अधिक सोच समझे यह कह देंगे जलियांवाला बाग हत्याकांड। और वह दिन है 13 अप्रैल, 1919।
बैसाखी का दिन था। लोग यहां पर घूमने के लिए आए हुए थे। इसी अवसर पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कुछ बड़े लीडरन अपना भाषण देने वाले थे। लोगों में यह उत्सुकता थी आखिर आज यह नेता लोग अंग्रेजी सरकार के खिलाफ क्या कहने वाले हैं।
जलियांवाला बाग अमृतसर में है। अंग्रेज सरकार को इस बात की जानकारी थी कि जलियांवाला बाग में एक कार्यक्रम होने वाला है जो अंग्रेज सरकार के विरोध में होगा। इस पर अंग्रेज सरकार ने इन देशभक्तों को सबक सिखाने की ठानी और इसकी जिम्मेदारी ब्रिटिश लेफ्टिनेंट जनरल रेगिनाल्ड डायर को सौंपी।
जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में पहुंचकर बिना किसी चेतावनी के बूढ़े, महिलाओं, जवानों और बच्चों पर गोलियां चलवा दी। 15 मिनट तक लगातार गोलियां चलीं, लोग जलियांवाला बाग बने एक कुएं में अपनी जान बचाने के लिए कूद गए। पूरा कुआं लाशों के ढेर से पट गया।
इस गोलीबारी में 1000-2000 भारतीय मारे गए थे। वहीं इससे कहीं ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए थे। पर सरकारी समाचार के अनुसार 400 व्यक्ति मृत तथा 2000 के लगभग घायल थे।
इस हत्याकांड की जांच के लिए हंटर कमीशन बनाया गया। हत्यारे डायर ने हंटर कमीशन के सामने बड़े गर्व से कहा था कि मैंने भीड़ पर 15 मिनट तक गोलियां चलाई। मैंने भीड़ हटाने का प्रयास नहीं किया, मैं बिना गोलियां चलाएये भीड़ को हटा सकता था परंतु इसमें लोग मेरी हंसी करते। कुल गोलियां 1650 चलाई थी। गोली बरसाना तब तक किया जब तक कि वह समाप्त न हो गई हो और साथ ही यह भी स्वीकार किया कि मृतकों को उठाने व उनकी मदद करने का कोई प्रबंध नहीं किया। इसका कारण बताते हुए कहा – उस समय उन घायलों की मदद करना मेरा कर्तव्य नहीं था।
डायर की इस क्रूरता को पंजाब के शासक सर माइकेल ओ डायर ने न केवल उचित ही ठहराया। इसी बाग में सबके साथ मशहूर क्रांतिकारी उधमसिंह जी के पिता भी शहीद हो गए थे।
यादों को सहेजता एक व्यक्ति
नेशनल
गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।
कहां-कितना है एक्यूआई
अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।
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