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नेशनल

देश के कई राज्यों में एटीएम से नकदी गायब, जनता को याद आया नोटबंदी का जमाना

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देश के कई राज्यों में एटीएम से अचानक नकदी गायब होने से जहां बैंक के अफसरान परेशान हैं वहीं कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल,महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई प्रदेशों में एक बार फिर नकदी का संकट गहराने लगा है। बड़ी संख्या में एटीएम नोटों से खाली हैं। कई एटीएम के सामने लंबी कतारें नजर आ रही हैं। बीते कुछ हफ्तों से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में मुद्रा की कमी की खबरें आ रही हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी व मेहुल चोकसी को ‘अच्छे दिन’ मुहैया कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्होंने देश की बैंकिंग प्रणाली को बर्बाद कर दिया है। राहुल ने हीरा कारोबारियों द्वारा किए गए बैंकिंग घोटाले पर चुप्पी साधने के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की।

राहुल ने कहा, “मोदीजी ने बैंकिंग प्रणाली को बर्बाद कर दिया। नीरव मोदी 30,000 करोड़ रुपए लेकर भाग गया और प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा।” उन्होंने कहा, “हमें कतार में खड़े होने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उन्होंने हमारी जेब से 500-1000 रुपए के नोट लेकर नीरव मोदी की जेब में डाल दिया।”

राहुल देश के एटीएम में नगदी नहीं होने के सवाल का जवाब दे रहे थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी व्यक्तिगत तौर पर नीरव मोदी और चोकसी को जानते हैं और उन्हें ‘नीरव भाई’ और ‘मेहुल भाई’ कहकर पुकारते थे। राहुल ने कहा, “देश के लिए उनके (प्रधानमंत्री) द्वारा किया गया ‘अच्छे दिन’ का वादा नीरव मोदी और मेहुल चोकसी समेत केवल 15 लोगों के लिए था। किसान, मजदूर, दिहाड़ी मजदूर समेत इस देश के गरीबों के लिए ये सिर्फ ‘बुरे दिन’ हैं।”

मध्यप्रदेश में एटीएम नोटों से खाली

मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में एटीएम नोटों से खाली हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके पीछे साजिश की आशंका जताई है। राज्य में नोटबंदी के बाद एक बार फिर आम उपभोक्ता नकदी संकट से जूझ रहा है। मंगलवार को सोमवार की तरह कई एटीएम से नोट नहीं निकल रहे हैं। यह आलम राजधानी से लेकर छोटे शहरों तक में है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को शाजापुर में कहा, “कुछ लोग 2000 रुपए के नोटों को दबाकर नगदी की कमी की साजिश रच रहे हैं। जब नोटबंदी हुई थी, तब बाजार में 15.50 लाख करोड़ रुपए थे। आज 16.50 लाख करोड़ रुपए बाजार में हैं। फिर 2000 के नोट कहां जा रहे हैं। यह साजिश है।”

दूसरी ओर राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने भी नोटों की कमी की बात स्वीकारते हुए कहा, “2000 रुपए के नोटों की कालाबाजारी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।”

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, नोटबंदी के दिनों की याद आ रही है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि यह स्थिति उन्हें नोटबंदी के दिनों की याद दिला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या देश में ‘वित्तीय आपातकाल’ चल रहा है?

बनर्जी ने ट्वीट किया, “कई राज्यों में एटीएम मशीनों में नकदी नहीं होने की रिपोर्ट देख रही हूं। बड़े नोट गायब हैं। यह नोटबंदी के दिनों की याद दिला रहा है। क्या देश में वित्तीय आपातकाल चल रहा है। नकदी की कमी, नकदरहित एटीएम मशीनें।”

भारतीय रिजर्व बैंक के डाटा के अनुसार, छह अप्रैल तक 18.17 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा सर्कुलेशन में थी। उद्योग से जुड़े जानकारों का मानना है कि नकदी की कमी 2000 रुपए के नोटों को जमा करने की वजह से पैदा हुई है।

असोम के नागांव जिले में खाली पड़ा एक एटीएम

बिहार में अधिकांश एटीएम खाली, नकदी के लिए लोग परेशान

बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी अधिकांश एटीएम में नकदी (कैश) नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक राज्य के 75 प्रतिशत से अधिक एटीएम में पैसा नहीं है, जिस कारण वे बंद पड़े हैं।

पटना में अधिकांश क्षेत्रों के एटीएम में पैसा नहीं रहने के कारण पैसे के लिए लोग भटक रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस एटीएम में पैसा है, वहां लंबी कतारें लगी हुई हैं।

एक बैंक के प्रबंधक ने मंगलवार को बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मांग के मुताबिक कैश की आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिस कारण ऐसी समस्या आई है। इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर इस मुद्दे को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “बिहार में विगत कई दिनों से अधिकांश एटीएम बिल्कुल खाली हैं। लोगों के सामने गंभीर संकट है। लोगों का बैंकों में जमा अपना पैसा भी बैंक जरूरत के हिसाब से उन्हें नहीं दे रहे हैं। नोटबंदी घोटाले का असर इतना व्यापक है कि बैंको ने हाथ खड़े कर रखे हैं। नए नोट सर्कुलेशन से क्यों गायब है?”

जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंगलवार को कहा कि सूचना मिल रही है शादी-ब्याह के इस मौसम में एटीएम में कैश नहीं होने के कारण लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है और जल्द ही इस समस्या का हल ढूंढ लिया जाएगा।

हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने स्थिति की समीक्षा की है और पर्याप्त मुद्रा से अधिक नकदी सर्कुलेशन में है। जेटली ने ट्वीट किया, “देश में मुद्रा की स्थिति की समीक्षा की है। कुल मिलाकर पर्याप्त अधिक मुद्रा प्रचलन में है और बैंकों के पास भी उपलब्ध है। कुछ इलाकों में अचानक व असामान्य वृद्धि की वजह से पैदा हुई अस्थायी कमी से जल्द निपटने की कोशिश की जा रही है।”

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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