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Earth Day Special : क्या आप इस जन्म में देख पाएंगे धरती के ये सात अजूबे !

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आज विश्व पृथ्वी दिवस है। इसे दुनिया भर में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और अपनी प्रतिबद्धता जताने के लिए मनाया जाता है। आज हम आपको बताएंगे पृथ्वी के सात ऐसे नजारों के बारे में जिन्हें देखे बिना आपकी जिंदगी अधूरी है। ये बेहद खूबसूरत तो हैं ही पृथ्वी की विविधता का भी अनोखा उदाहरण हैं। हालांकि अफसोस की बात है कि इनमें से कुछ प्राकृतिक अजूबे हम मनुष्यों की खतरनाक गतिविधियों की वजह से संकट में आ गए हैं।

1. पर्वतों का राजा हिमालय :

                      हिमालय दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। बर्फ से लदी आकाश चूमती इसकी चोटियां सौंदर्य, रोमांच और रहस्य का अद्भुत मिश्रण हैं।

हिमालय दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। बर्फ से लदी, आकाश चूमती इसकी चोटियां सौंदर्य, रोमांच और रहस्य का अद्भुत मिश्रण हैं। पर अफसोस हर साल इसकी चोटी पर चढ़ने लगभग 700 पर्वतारोही आते हैं और टनों कचरा बिखेर जाते हैं। जिसमें मानव मल के अलावा ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर, टेंट, कपड़े, पानी की बोतलें वगैरह शामिल हैं। एक अंदाजा यह है कि हर साल ये पर्वतारोही और पर्यटक हिमालय पर लगभग 12 हजार किलो मानवमल छोड़ आते हैं। अभी हाल ही में नेपाल सरकार ने एक नियम बनाया है कि हर पर्वतारोही हिमालय से उतरते समय वहां फैला 8 किलो कचरा अपने साथ लाएगा।

2. विक्टोरिया जल प्रपात

                                                                        जैंम्बेजी नदी पर बने इस प्राकृतिक जल प्रपात को देखने दुनिया भर के पर्यटक आते हैं।

अफ्रीका में स्थित यह झरना दुनिया का सबसे खूबसूरत झरना कहलाता है। इसे दुनिया का सबसे विशाल जल प्रपात भी कहते हैं क्योंकि यह 1708 मीटर चौड़ा और 108 मीटर ऊंचा है। जैंम्बेजी नदी पर बने इस प्राकृतिक जल प्रपात को देखने दुनिया भर के पर्यटक आते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से इस पर भी सूखे और जलवायु परिवर्तन की मार दिखने लगी है। यहां पिछले 30 बरस का सबसे भयानक सूखा पड़ रहा है इसलिए यहां बहने वाला पानी भी गर्मियों के मौसम में बहुत कम हो जाता है।

3. ग्रेट बैरियर रीफ

                                                                                 लगभग 22 हजार किलोमीटर लंबी यह संरचना अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है।

ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी समुद्री किनारों पर मूंगे की चट्टानों की विशाल दीवार सचमुच बड़ी अनोखी है। लगभग 22 हजार किलोमीटर लंबी यह संरचना अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है। रंग-बिरंगे मूंगों के बीच सैकड़ों प्रजाति की खूबसूरत मछलियां रहती हैं। यहां के साफ समुद्री पानी में तैरने और इन चट्टानों के बीच बसेे मछलियों के विशाल झुंडों के देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इसके अलावा मूंगे की यह विशाल दीवार सुनामी जैसी विशाल समुद्री लहरों से भी ऑस्ट्रेलिया को बचाती है। लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से समुद्री पानी के बढ़ते तापमान ने इन चट्टानों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। तापमान बढ़ने पर मूंगा बनाने वाला जीव मर जाता है साथ ही ये चट्टाने भी अपना रंग खोने लगती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, साल 2016-17 तक लगभग आधी चट्टानों में रह रहे मूंगा बनाने वाले जीव मर चुके हैं।

4. ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी

                      ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी दुनिया की सबसे बड़ी खाड़ी है। इसको घेरे हुए शुगरलोफ पहाड़ों का नजारा देखने में बड़ा अनोखा और खूबसूरत लगता है।

ब्राजील की गुआनाबारा खाड़ी दुनिया की सबसे बड़ी खाड़ी है। इसको घेरे हुए शुगरलोफ पहाड़ों का नजारा देखने में बड़ा अनोखा और खूबसूरत लगता है। लेकिन यहां भी सीवेज, कचरा और अक्सर तेल वाहक जहाजों से रिसने वाला तेल इस खूबसूरत खाड़ी को बर्बाद कर रहा है।

5. अमेरिका की ग्रैंड कैनयन

                                           कोलोराडो नदी ने 446 किलोमीटर लंबी और 29 किलोमीटर तक गहरी एक विशाल खाई या घाटी का निर्माण किया है।

अमेरिका के एरिजोना रेगिस्तान में युगों से बहने वाली कोलोराडो नदी ने 446 किलोमीटर लंबी और 29 किलोमीटर तक गहरी एक विशाल खाई या घाटी का निर्माण किया है। यह रोमांच की खोज में आने वाले टूरिस्टों के अलावा भूगर्भशास्त्रियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है क्योंकि उन्हें यहां धरती की 50-60 लाख साल पुरानी सतह भी स्टडी करने को मिल जाती है। फिलहाल इंसानी हरकतों का इस पर कोई असर नहीं हुआ है।

6.मेक्सिको का पारीकुटीन ज्वालामुखी

                             इसका तेजी से बढ़ता आकार इसकी सबसे हैरान करने वाली बात थी। केवल 9 बरसों में ही यह 3170 मीटर ऊंचा हो गया

इस ज्वालामुखी को अपने अनोखेपन की वजह से धरती के सात अजूबों में जगह मिली है। इसका तेजी से बढ़ता आकार इसकी सबसे हैरान करने वाली बात थी। केवल 9 बरसों में ही यह 3170 मीटर ऊंचा हो गया। इसके आसपास रहने वाले लोगों का कहना था कि कभी-कभी तो रात भर में ही इसकी लंबाई बढ़ जाती थी। यह 1943 में एक किसान के खेत में फूट निकला था। यह एकमात्र ऐसा ज्चालामुखी है जो हम इंसानों के सामने ही पैदा हुआ और अपना पूरा आकार ले चुका है। चूंकि यह एक सुप्त ज्वालामुखी है और इसमें विस्फोट का डर नहीं है इसलिए इसे देखने दुनिया भर के टूरिस्ट आते हैं।

7. ऑरोरा बोरैलिस और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस

सूरज से निकलने वाली तरंगें जबचुंबकीय कणों से टकराती हैं तो आसमान में इस तरह के रंग बिखर जाते हैं।

हमारी पृथ्वी पर ढेरों अजूबे हैं जो एकदम जादू सरीखे लगते हैं। इन्हीं में से एक है ऑरोरा बोरैलिस और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस। ये ध्रुवीय इलाकों में चमकने वाली रौशनी है। उत्तरी ध्रुव पर आसमान में चमकने वाली रंगीन रोशनी को ऑरोरा बोरैलिस कहते हैं, वहीं दक्षिणी ध्रुव पर यह ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस कहलाती है। असल में सूरज से निकलने वाली तरंगें जब धरती के वातावरण में मौजूद चुंबकीय कणों से टकराती हैं तो आसमान में इस तरह के रंग बिखर जाते हैं।

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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