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सीताराम येचुरी एक बार फिर माकपा महासचिव चुने गए

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मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्ट (माकपा) ने रविवार को सीताराम येचुरी को फिर से अपने महासचिव के रूप में निर्वाचित किया। माकपा ने यहां अपनी पार्टी कांग्रेस में 95 सदस्यीय केंद्रीय समिति भी चुनी। माकपा नेता और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने यहां पार्टी की 22वीं कांग्रेस के अंतिम दिन उन्हें फिर से निर्वाचित किए जाने की घोषणा की।

माणिक सरकार ने बताया, “येचुरी को सर्वसम्मति से निर्वाचित किया गया। इस पद के लिए चुनाव में कोई दूसरा व्यक्ति उम्मीदवार नहीं था।”

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को हुआ था। 19 अप्रैल 2015 से महासचिव के रूप में निर्वाचित किया गया था। येचुरी 1974 से माकपा के सदस्य हैं। उनसे पहले प्रकाश करात ने नौ साल तक लगातार तीन कार्यकाल के लिए महासचिव रहे। चेन्नई में जन्मे येचुरी ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। दिल्ली में उन्होंने अपनी जिंदगी का अधिकतर समय बिताया है।

हैदराबाद के 22वें कांग्रेस सम्मेलन में सीताराम येचुरी ने अपने तेवर दिखते हुए कहा कि देश को भाजपा मुक्त बनाने के लिए एक वैकल्पिक नीति पाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों का एक होना जरूरी है।

उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी सम्मेलन पार्टी की स्वंतत्र गतिविधियों को मजबूती, लोगों के संघर्ष में तेजी, वाम दलों की एकता को मजबूती और वाम व लोकतांत्रिक ताकतों की एकता को बढ़ाने में एक नई दिशा प्रदान करेगा।

येचुरी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने लोगों को अभूतपूर्व दुख दिया है और साथ ही सामाजिक ताने बाने की एकता व अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने कहा, “कठुआ और उन्नाव में दुष्कर्म की दिलों को झकझोर कर रख देनी वाली घटनाओं ने हमारे समाज का अमानवीकरण दर्शाया है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए दुष्कर्म को हथियार के तौर पर प्रयोग करते देखना शर्मनाक है। इसका मुकाबला कर इसे हराया जाना चाहिए।”

कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीतिक गठबंधन बनाने की खबरों का खंडन करते हुए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि माकपा कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार है। प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि उसका पहला और अंतिम लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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