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पीरियड्स से जुड़ी ये बातें जानकर लड़के भी महसूस कर सकतें हैं, दर्द के वो दिन

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नई दिल्ली। हाल ही में अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी, नाम था ‘पैडमैन’। फिल्म में लड़कियों और महिलाओं द्वारा पीरियड्स के समय पैड्स प्रयोग करने को लेकर जागरूकता का सन्देश था। फिल्म ने जनता के बीच काफी अच्छा सन्देश दिया। इसी क्रम में हम भी आपको पीरियड्स के बारे में कुछ अनसुनी जानकारियां देने जा रहे हैं। जो लड़कों को जानना बहुत ज़रूरी है। इन बातों को जानकर लड़कियों और महिलाओं के लिए आपका सम्मान और बढ़ जाएगा।

  • पीरियड्स के समय महिलाओं को बेहद दर्द होता है जिसे मेंस्ट्रुएल क्रैम्प्स कहते हैं। यह दर्द कभी-कभी लेबर पेन के बराबर भी हो सकता है।
  • कोई भी महिला अपनी जिंदगी के औसतन लगभग 3500 दिन पीरियड्स के दौरान ही गुजार देती है।
  • सर्दियों के समय में आने वाले पीरियड्स, गर्मियों के महीने में आने वाले पीरियड्स की अपेक्षा अधिक लंबे और कहीं ज्यादा दर्द वाले हो सकते हैं।
  • साल 1946 में “द स्टोरी ऑफ मेंस्ट्रुएशन” नामक फिल्म में पहली बार वेजाइना शब्द का प्रयोग किया गय़ा था।
  • किसी भी पीरियड की सामान्य अवधि के दौरान महिलाओं का लगभग आधे कप से अधिक खून बह जाता है।
  • एक शोध के अनुसार धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करने वाली महिलाओं का मेनोपॉज अपेक्षाकृत जल्दी आता है।
  • महिलाओं के मासिक धर्म के लिए पीरियड शब्द का प्रयोग लगभग 200 साल पहले किया गया था। इसे लैटिन शब्द पीरियोडस से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बार-बार दोहराई जाने वाली कोई चीज।
  • वियतनाम के सायगोन नामक शहर में किसी महिला से अफीम नहीं बनवायी जाती थी। मान्यता थी कि पीरियड में औरत के छूने से अफीम कड़वी हो जाती है।
  • प्राचीन समय में माना जाता था कि पीरियड के समय निकलने वाले खून से मस्से, घेंघा, मिर्गी, कोढ़ एवं सरदर्द आदि चीजें ठीक हो सकती थीं। इसे वशीकरण और भूतों को भगाने में भी प्रयोग किया जाता था।
  • विकेरिअस मेंस्ट्रुएशन एक ऐसी अवस्था होती है जब पीरियड के समय किसी महिला के यूट्रस के स्थान पर नाक, कान, आंखों और फेफड़ों से भी खून आ सकता है।

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IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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